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पटना
बिहार में नीतीश कुमार ने जीता विश्वास मत, मंत्री बनाने पर चल रहा मंथन
By Deshwani | Publish Date: 28/7/2017 1:54:13 PM
बिहार में नीतीश कुमार ने जीता विश्वास मत, मंत्री बनाने पर चल रहा मंथन

पटना,  (हि.स.)। बिहार विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने विश्वास मत प्राप्त कर लिया | अब मुख्य मंत्री नीतीश कुमार मंत्रियों के नामों को तय करने में मंथन कर रहे हैं जो एक-दो दिन में पूरा हो जायेगा | फ़िलहाल 21 जदयू से और 15 भाजपा व सहयोगी दलों की ओर से बनाये जाने की चर्चा है | 
विश्वास मत पर मत विभाजन से पूर्व बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सत्ता उन्हें जनता की सेवा करने के लिए मिली है भोगने के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता उनके लिए एक विचारधारा है और यह सिर्फ बोलने के लिए नहीं बल्कि वह इस पर अमल भी करते हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल धर्म निरपेक्षता का इस्तेमाल अपने पाप और अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए कर रही है।
नीतीश ने कहा कि धन और संपत्ति अर्जित करने के लिए राजनीति और सत्ता का जो भी इस्तेमाल करेगा, वह उसका सदा विरोध करेंगे। अपने ऊपर लग रहे महागठबंधन के आरोपों का समय आने पर जवाब देने की बात कहते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल अहंकार और भ्रम में थी और ऐसा लगता था जैसे महागठबंधन में दूसरे पार्टी का कोई अस्तित्व ही नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंडेट जनता की सेवा के लिए मिला था और चारों तरफ से समस्याएं-दबाव अनर्गल बयानबाजियों को झेलते हुए भी महागठबंधन के धर्म को निभाते हुए इस सरकार का 5 वर्षों के कार्यकाल का एक तिहाई भाग चलाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के पाली से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लगे आरोपों को बिंदुवार सफाई देने को कहा गया किंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया।
नीतीश कुमार की इस बात पर नाराज राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों ने अपने स्थान से खड़े होकर कहा कि मुख्यमंत्री कोई कोड नहीं है जो उन्हें सफाई दी जाती। इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह सफाई जनता के बीच देनी थी और जनता से बढ़कर कोई अदालत नहीं होती। नीतीश कुमार ने कहा कि वह जनता के प्रति प्रतिबद्ध है किसी एक परिवार के प्रति नहीं और राज्य सेवा के लिए होती है भोगने के लिए भी नहीं।
विश्वास मत पर बहस के बाद बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जनता दल-यू अपने रास्ते से नहीं भटक सकती। गठबंधन धर्म का ध्यान रखते हुए उन्होंने इसे चलाने की कोशिश की किंतु जब यह लगा की इसे अब और चला पाना सम्भव नहीं है तो राज्य हित में बिहार के विकास को देखते हुए गठबंधन से बाहर आने का फैसला किया गया। अल्पसंख्यक व गरीब लोगों के लिए किए गए अपने कार्यों की चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए उन्होंने छात्रवृत्ति दी, परित्यक्ता के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाई। उन्होंने कहा कि बहुचर्चित भागलपुर दंगा में अंतिम रिपोर्ट दे दी गई थी और मामला बंद कर दिया गया था। इस दंगे से जुड़े सभी मामलों को पुनः खोलकर नए सिरे से जांच कराई गई और लोगों को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया गया। कांग्रेस की सरकार में भागलपुर दंगे में पीड़ितों को दिए गए मुआवजे की राशि को बढ़ाकर उन्हें अलग से मुआवजा दिया गया। उन्होंने कहा कि वो धर्मनिरपेक्षता पर अमल करते हैं।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटकों भारतीय जनता पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और निर्दलीय विधायकों का समर्थन देने के लिए शुक्रिया अदा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार आगे भी बिहार के लोगों की खिदमत करती रहेगी। उन्होंने कहा कि लंबे अरसे के बाद केंद्र और बिहार में एक ही पार्टी की सरकार बनी है और अब राज्य में न्याय के साथ विकास होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि जनमत के बारे में किसी को भी भ्रम पालने की जरूरत नहीं है और किसी भी कीमत पर वह भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। महागठबंधन की सरकार में जिस तरह से दलितों-गरीबों के साथ व्यवहार हो रहा था, उससे सभी दुखी और परेशान थे।
नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल को अहंकार नहीं पालने की सलाह देते हुए कहा कि उन पर जितने भी आरोप लगे हैं उन सबका वह सदन में और सदन के बाहर जवाब देंगे, मगर समय आने पर। नीतीश कुमार ने कहा कि वह कारण कभी नहीं बोलते और मर्यादाओं का पालन करते हैं किंतु मजबूर किया गया तो एक-एक बात को अच्छी तरह से बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुशासन, भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस और समाज के हर तबके के विकास के लिए काम करते हुए बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने विश्वास मत के प्रस्ताव को पास कराने की प्रक्रिया अपनाई किंतु 2 बार की कोशिशों के बावजूद विश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित नहीं हो सका। सदन में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल के सभी विधायकों ने इस प्रस्ताव पर गुप्त मतदान की मांग करने लगे जिसे सभा अध्यक्ष ने यह कहते हुए ठुकरा दिया क्या वर्तमान व्यवस्था में संभव नहीं है। बाद में सभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव पर मतों का विभाजन कराया और लगभग 20 मिनट चली इस प्रक्रिया में प्रस्ताव के पक्ष में 131 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 108 वोट ।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से विश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद बहस में हिस्सा लेते हुए विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा कि जनता ने 5 सालों के लिए मैंडेट दिया था। प्रस्ताव के विरोध में बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहां की वर्ष 2013 में नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के पाले से सभी मंत्रियों को बर्खास्त किया था। भारतीय जनता पार्टी को नीतीश कुमार से पूछना चाहिए कि क्या उस समय उन सब ने कोई भ्रष्टाचार किया था?
तेजस्वी यादव ने कहा कि वर्ष 2015 में महागठबंधन को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मैंडेट मिला था और फिर से भारतीय जनता पार्टी के साथ जाकर नीतीश कुमार ने लोकतंत्र की हत्या की और जनता के साथ धोखा व छल-कपट और नकारात्मक राजनीति की।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने 16 जून 2013 से लेकर 26 जुलाई 2017 तक 4 वर्षों तक बिहार का समय बर्बाद किया और इस दौरान चार सरकारों का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि जनता यह जानना चाहती है कि किसी एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए यह ढोंग क्यों किया गया? उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार को बद्दी भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार को भद्दी-भद्दी गालियां दी और आज फिर से दोनों एक साथ आ गए हैं।
तेजस्वी ने कहा कि विधानसभा में 91 सदस्य वाली भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों को नीतीश कुमार ने वर्ष 2013 में बर्खास्त कर दिया था किंतु अभी 80 विधायकों वाली राष्ट्रीय जनता दल के मंत्रियों को बर्खास्त नहीं कर पाए। तेजस्वी यादव ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने मिलकर नीतीश कुमार के समाप्त हो रहे राजनीतिक वजूद को बचाया। उन्होंने कहा कि विकास पुरुष की छवि वाले नीतीश कुमार का जनाधार, जब भी वे चुनाव में अकेले जाते हैं स्पष्ट वहां जाता है।
राजद विधायक ने कहा कि अविभाजित बिहार में वर्ष 1995 में हुए चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को 324 सीटों वाली विधानसभा में 7 सीट नहीं मिली थी। इसी तरह, वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी 2 सीटों पर ही सिमट गई थी। तेजस्वी निकाह की नीतीश कुमार की छवि, उनका काम और उनकी विचारधारा का ही असर है कि जब भी चुनाव में अकेले जाते हैं, सिमट जाते हैं।
नीतीश कुमार के महा गठबंधन से निकलकर भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने को एक सुनियोजित साजिश बताते हुए तेजस्वी यादव कहा कि राज्यपाल के पास दावा करने से लेकर शपथ ग्रहण करने तक सब कुछ इतना फानन में किया गया कि महा गठबंधन की सबसे बड़ी घटक होने के बावजूद राष्ट्रीय जनता दल को सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया।
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार के इस्तीफे का उन्हें भी दु:ख है क्योंकि नीतीश कुमार ने कई बार उनसे कहा था कि संघ के लोग बड़े खतरनाक है और उससे अब उन जैसे नौजवानों को ही लड़ना है।
तेजस्वी एक बहाना है, भारतीय जनता पार्टी में जाना है, इसको दोहराते हुए जैसे ही तेजस्वी यादव ने कहा कि 'शर्म नहीं आती.सत्ता में आ गए', सदन के अंदर हंगामा होने लगा। सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसे आसंसदीय भाषा कहा और विधानसभा अध्यक्ष से इस टिपणी को कार्रवाही से हटा लेने की मांग करने लगे जबकि राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों ने इसे संसदीय बताया। बाद में विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप से सदन में शांति बहाल हुई।
राजनीति में आगे आ रहे उन जैसे नौजवानों को एक साजिश के तहत दबाये जाने की बात करते हुए तेजस्वी में कहा कि नौजवान को बुरा बनाकर कोई अपनी छवि बना रहा है और कोई अपनी राजनीति चमका रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को पता है किस तरह वे ईमानदारी पूर्वक काम करते हैं। उन्होंने कहा कि जब रेड हुई तो बीमार होकर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य लाभ के लिए राजगीर चले गए और उनके पिता लालू यादव के बार-बार फोन करने पर भी फोन नहीं उठाया। नीतीश कुमार ने एक बार भी बात नहीं की और ना ही उनसे इस्तीफा देने को कहा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से उनकी 40 मिनट तक मुलाकात हुई किंतु है इस्तीफा नहीं मांगा था। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सब ढकोसला सिर्फ इसलिए किया गया कि प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के साथ किए गए अपने वादे पूरे नहीं किए और वे किस मुंह से यहां आते।
तेजस्वी यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने जिस तरह बिहार की बोली लगाई थी, उसी तरह भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री और जनता दल यू की बोली लगा दी । नीतीश कुमार को दलित पिछड़ा अल्पसंख्यक विरोधी बताते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा में बह गए हैं।
बहस में हिस्सा लेते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार यदि 4 साल नहीं गंवाए होते तो आज बिहार को विशेष पैकेज और साथ ही विशेष राज्य का दर्जा मिल गया होता । उन्होंने सवाल किया कि लालू यादव चारा घोटाला पहले से ही दागी हैं और राष्ट्रीय जनता दल एक भ्रष्ट पार्टी है, क्या इसकी जानकारी नीतीश कुमार को नहीं थी? उन्होंने कहा कि जगदीश कुमार का वजूद समाप्त हो गया तब वे राष्ट्रीय जनता दल की तरफ आए ।
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने एक ओर गांधीजी की विचारधारा का इस्तमाल किया और वहीं दूसरी ओर बापू के हत्यारों के गोद में जा बैठे। उन्होंने कहा कि संघ मुक्त भारत बनाने के अभियान में नीतीश कुमार का साथ देने को वे कटीबद्ध हे किंतु मुख्यमंत्री मैदान छोड़ गए। उन्होंने कहा कि एक समय में नीतीश कुमार ने कहा था कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भाजपा में नहीं जाएंगे , वही नीतीश कुमार आज है राम से श्रीराम में पल्टी मार गए।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की कोई विचारधारा है ही नहीं और खुद भी हत्या और आर्म्स एक्ट के आरोपी मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जैसे नेताओं के साथ जा बैठे हैं जिन पर धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब जबकि भाजपा के साथ चले गए हैं तो क्या पूरे देश में शराबबंदी लागू करेंगे? भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ ,वसुंधरा राजे सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का नाम लेते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि इन सबो पर भी कई तरह के मामले दर्ज हैं, क्या इन्हें भी नीतीश कुमार हटाएंगे?
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके पिता लालू यादव को पुत्र मोह नहीं था और यदि ऐसा होता तो वह उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाते नीतीश कुमार को नहीं। उन्होंने कहा कि लालू यादव को पुत्र मोह नहीं, छोटे भाई का मोह ज्यादा था, इसलिए उन्होंने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं जनता दल यूनाइटेड के विधायकों से अपील करता हूँ कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के लिए मैंडेट मिला था जिसका वे अपमान नहीं करें और ऐसा करने का विरोध करें तो राजद उनका पूरी-पूरी तरह साथ देगा।
बहस में हिस्सा लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंद किशोर यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव की कुर्सी जाने का दर्द हाथ लग रहा है। बिहार के नौजवानों के अंदर गुस्सा और आक्रोश है कि एक नौजवान केवल 28 वर्ष की उम्र में करोड़ों रूपय का मालिक बैठा है। लालू यादव को यदि पुत्र मोहन नहीं होता तो राष्ट्रीय जनता दल के विधायक अब्दुल बारी उप मुख्यमंत्री हुए होते। नंद किशोर यादव की इस बात पर राष्ट्रीय जनता दल के सभी विधायक अपने-अपने स्थान से खड़े होकर बोलने लगे। हस्तक्षेप करते हुए अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि नंद किशोर यादव उनकी चिंता न करें। थोड़ी देर तक नंदकिशोर यादव और सिद्दीकी के बीच इस मुद्दे पर हंसी ठिठोली हुई ।
नंद किशोर यादव ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के साथ जाते समय नीतीश कुमार को यह लगा होगा कि यह पार्टी अपनी पुरानी संस्कृति छोड़कर सुधर गई है और शायद इसलिए तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। उस समय नीतीश कुमार को भी मालूम नहीं था कि तेजस्वी करोड़ों करोड़ों के मालिक बन गए हैं और यदि नीतीश कुमार जानते कि तेजस्वी यादव अवध संपत्ति के मालिक हैं तो वे उन्हें नहीं बनाते। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और मैंडेट की हत्या करने की बात कहने वाले उस समय कहां थे जब जनता दल यू भाजपा से अलग हुई थी। और कहा कि नीतीश कुमार अपने सिद्धांतो से समझौता नहीं कर सकते इसलिए वे राष्ट्रीय जनता दल से अलग हो गए। नंदकिशोर यादव ने कहा कि महागठबंधन में तेजस्वी यादव नहीं बल्कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव फासले दिया करते थे।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विचारधारा से बंधे हुए हैं और भ्रष्टाचार के साथ कभी समझौता नहीं कर सकते थे ।
बहस में भाग लेते हुए विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले नीतीश कुमार सांप्रदायिकता की गोद में चले गए। भाकपा माले के महबूब आलम ने कहा कि नीतीश कुमार ने जनाधार के साथ गद्दारी किया है और इस पर फैसला सदन में नहीं बल्कि जनता के बीच होना चाहिए।
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