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बिहार
कमल नाथ तिवारी के जीवन पर आधारित फिल्‍म शहीद -ए- आज़म, एक अनकही कहानी
By Deshwani | Publish Date: 24/7/2017 6:00:29 PM
कमल नाथ तिवारी के जीवन पर आधारित फिल्‍म शहीद -ए- आज़म, एक अनकही कहानी

पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क


आजादी की लड़ाई में देश के जांबाज सपूतों को स्‍मृति को सहेजे हिंदी फिल्‍म ‘शहीदे – ए – आजम, एक अनकही कहानी’ 15 अगस्‍त को रिलीज हो रही है। काजल क्राफ्ट एंड विजन के साथ साईं रिकार्ड्स एंटरटेनमेंट व कृष राज एंटरटेनमेंट के बैनर तले बन रही इस फिल्‍म का पोस्‍ट प्रोडक्‍शन अब अंतिम समय में है।

बिहार के चम्पारण निवासी अरुण कुमार पाठक द्वारा निर्देशित यह फिल्म इतिहास के कई अनछुए पहलुओं को उजागर करती नज़र आएगी, जो देशभक्ति के नए प्रतिमान स्‍थापित करेगा। स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी भूमिका में रहे कमल नाथ तिवारी के जीवन पर आधारित इस फिल्‍म में शहीदे आजम भगत सिंह की शहादत के बाद 1931 से 1947 उनकी जलाई आजादी की लौ को उनके साथी क्रांतिकारी कमल नाथ तिवारी ने आगे बढ़ाया।

यूं तो देशभक्ति और सरदार भगत सिंह के पर कई फिल्‍में बनी हैं, मगर भगत सिंह के बाद उनके साथियों की कहानी पर किसी का ध्‍यान नहीं गय। ऐसे ही एक अनछुए स्वतंत्र क्रांतिकारी कमल नाथ पर फिल्म निर्माण, निर्देशक अरुण कुमार पाठक का प्रयास सराहनीय है। फिल्‍म के सभी कलाकार नए हैं। फिल्‍म में मुख्‍य भूमिका में हैं निखिल सिंह, राहुल, शिबू गिरी, राजवीर, प्रशांत, रुद्रा, सुनील सिंह। फिल्म में संगीतकार दामोदर राव के संगीत से सजी एक से बढ़ कर एक गाने हैं, जो आप लोगों को खूब मनोरंजन करेगी।

फिल्‍म के बारे में निर्देशक अरुण कुमार पाठक ने बताते हैं कि ये देश आजाद हुआ था 1947 में, और सरदार भगत सिंह जी की शहादत हो गयी थी 1931 में। उनकी शहादत के बाद 16 साल में क्या हिंदुस्तान में अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति नहीं हुई ? अगर हुई तो किसने की ? शहीद ए आज़म को फाँसी हुई किसकी गवाही पर हुई ? उस गद्दार का क्या हश्र हुआ ? उस हश्र को अंजाम किसने दिया ? आज तक सभी फ़िल्म मेकर शहीद ए आज़म के जन्म से फ़िल्म शुरू करते आये हैं और उनकी शहादत के बाद फ़िल्म खत्म।
उन्‍होंने कहा कि देश की आज़ादी के बाद क्यों सरदार भगत सिंह जी के प्रमुख मित्र और उनके प्रमुख क्रांतिकारी रणनीतिकार को गुमनाम रखा गया, इस पर से पर्दा उठती है फिल्‍म ‘शहीद-ए-आज़म, एक अनकही कहानी’। यह एक ऐसी फिल्म है जैसी न किसी ने देखी होगी न इसकी कल्पना तक की होगी। 4 साल के रिसर्च के बाद आपके सामने 15 अगस्‍त को आपके सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी।
बता दें कि फिल्‍म के निर्माता-निर्देशक और कथाकार अरुण कुमार पाठक हैं। फिल्‍म में पटकथा अविनाश पांडे फतेपुरी की है, संगीत दामोदर राव, गीत फणींदर राव, अभिनाश पांडेय, सतेंदर मिश्रा, पवन शर्मा के हैं। गायक विनोद राठौर, कल्पना, खुशबू जैन, यस वडाली, मोहन राठौर, ममता राउत, मनोज मिश्रा, रुपेश मिश्रा और प्रचारक रंजन सिन्‍हा और संजय भूषण पटियाला है।


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