ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बिहार
बदहाल शिक्षा बिहार की बनी पहचान: पप्‍पू यादव
By Deshwani | Publish Date: 22/7/2017 6:20:43 PM
बदहाल शिक्षा बिहार की बनी पहचान: पप्‍पू यादव

पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क


जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव ने कहा है कि बिहार की शिक्षा व्‍यवस्‍था ध्‍वस्‍त हो गयी है। स्‍कूल, कॉलेज सब बर्बाद हो गये हैं। बिहार की शिक्षा देश के निचले पायदान पर है। बदहाल शिक्षा ही बिहार की पहचान बन गयी है।
पटना में जारी बयान में श्री यादव ने कहा कि शिक्षा केंद्रों में मनुष्‍य निर्माण के लिए नैतिक शिक्षा जरूरी है। नैतिक शिक्षा के बिना शारीरिक, आध्‍यात्मिक, मानसिक और बौद्धिक विकास संभव नहीं है। इसलिए जरूरी है कि कक्षा सातवीं तक नैतिक शिक्षा को अनिवार्य किया जाना चाहिए। सातवीं से बारहवीं तक शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए खेल को अनिवार्य किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि देश में न्‍यायपूर्ण और गुणवत्‍तायुक्‍त शिक्षा के लिए अनिवार्य और समान शिक्षा जरूरी है। जब तक बड़े लोगों के बच्‍चे सरकारी स्‍कूलों में नहीं पढ़ेंगे, तब तक सरकारी स्‍कूलों के हालात में सुधार संभव नहीं है। 
श्री यादव ने कहा कि गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों का वेतन 50 हजार रुपये प्रतिमाह होना चाहिए। शिक्षकों को सम्‍मानजनक वेतन मिलेगा तो वे अच्‍छी शिक्षा देंगे। तब प्राइवेट शिक्षा की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्‍होंने कहा कि मिड-डे-मील के नाम पर सरकार बच्‍चों को खैरात बांट रही है। शिक्षक पढ़ाने के बजाये खाना बनाने में व्‍यस्‍त हैं। गैर‍शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों को लगा दिया जाता है। यह सब बंद होना चाहिए। शिक्षक को राधाकृष्‍णन के तरह मानवतावादी होना चाहिए। सांसद ने कहा कि शिक्षकों की दक्षता व क्षमता बनाये रखने के लिए जरूरी है कि समय-समय पर उनकी परीक्षा ली जाए और फेल होने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाये। तभी शिक्षा में सुधार होगा। 

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS