पटना, (हि.स.)। बिहार में सत्तारुढ़ महागठबंधन में टूट और विधायकों में फूट की आशंका के बीच देश के 14वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान हुआ। राष्ट्रपति पद के राजद प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को समर्थन और भ्रष्टाचार के सीबीआई मामले में डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव से इस्तीफा को लेकर मुख्यमंत्री एवं जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बीच तनातनी के कारण महागठबंधन पर संकट के कारण कई विधायकों द्वारा क्रास वोटिंग के आसार है। क्रास वोटिंग नहीं होने की स्थिति में 243 सदस्यीय विधानसभा में रामनाथ कोविंद को 132 और मीरा कुमार को 110 वोट मिलेंगे। एक विधायक के गंभीर रूप से बीमार होने के कारण उनकी वोटिंग नहीं हुई।
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने राजद-कांग्रेस के कुछ विधायकों द्वारा क्रास वोटिंग को बकवास माना है । वही विधानसभा में जदयू विधायक दल के नेता एवं पूर्व मंत्री श्याम रजक ने दावा किया कि राज्यपाल के रूप में रामनाथ कोविंद की सराहनीय भूमिका के कारण उन्हें सभी दलों का सहयोग समर्थन मिलने का दावा किया है । कांस वोटिंग की सच्चाई तो 20 जुलाई को मतों की गिनती और नतीजे की घोषणा आने के बाद ही सामने आयेगी।
विधानसभा के वाचनालय में पूर्वाहन 10 बजे से मतदान शुरू होने पर सबसे पंक्तिबद्ध विधायकों में सबसे पहले भाजपा के संजय सरावगी ने गुलाबी रंग के मतपत्र से मतदान किया। राजद विधायक राजबल्लभ यादव जेल से पुलिस हिरासत में मतदान करने आये। भाजपा विधायक आनंद भूषण पांडेय आईसीयू में होने के कारण वोट देने नहीं आये। 243 सदस्यीय विधानसभा के एक सदस्य ओबरा के राजद विधायक वीरेन्द्र कुमार सिन्हा ने चुनाव आयोग से देहरादून में मतदान करने की अनुमति ले रखी थी। सांसदों के लिए हरे रंगे के एक भी मतपत्र का इस्तेमाल नहीं हुआ।
राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग की आशंका के आलोक में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने रविवार को रात राजद एवं कांग्रेस विधायकों की संयुक्त बैठक में चेताया था कि इस बार चुनाव में जिसका वोट खराब होगा उसका कैरियर खराब होगा।
जदयू और भाजपा की ओर से राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाना बिहार के लिए गौरव की बात कह सभी विधायकों से अंतरात्मा की आवाज पर उन्हें समर्थन देने की अपील की थी। वही राजद—कांग्रेस की ओर से पूर्व स्पीकर मीरा कुमार को बिहार की बेटी बता उन्हें अंतरात्मा की आवाज पर समर्थन देने की अपील की गयी थी। मतदान करने के बाद तेजस्वी ने मीरा कुमार की जीत पक्की होने का भी दावा किया।
विधानसभा में आज मतदान के दौरान विधायकों का जदयू—राजग का खेमा रामनाथ कोविंद के पक्ष में और राजद—कांग्रेस का दूसरा खेमा मीरा कुमार के लिए गोलबंद था। विपक्ष के नेता प्रेम कुमार के कक्ष में उत्साह का माहौल था। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय सहित अन्य सभी नेता विधायक वहां जमा थे। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी अपने विधायकों को गोलबंद रखने के लिए अलग डटे थे।
इधर सियासी गलियारे में सबों की निगाहें राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी के इस्तीफा देने से इंकार और बेनामी सम्पति के संबंध में सपफाई देने से इंकार के बाद नीतीश के रुख पर टिकी है। कयास लग रहा है कि अपनी छवि के लिए नीतीश कड़े कदम के तौर पर तेजस्वी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का निर्णय ले सकते है। उधर नीतीश के इस कदम पर राजद की उसके सभी 12 मंत्रियों के सामूहिक इसतीफा के साथ सरकार को बाहर होने का निर्णय लिया जा सकता है। वर्तमानत: प्रदेश की राजनीतिक स्थिति इसी असमंजस में पड़ी है।