बिहार
आयु पर संदेह के आधार पर छात्रों का परीक्षाफल रोकना गैरकानूनी
By Deshwani | Publish Date: 14/7/2017 3:45:37 PMपटना, (हि.स.)| वर्ष 2017 की मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले करीब चार-पांच सौ छात्रों की आयु अधिक बताकर उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने और परीक्षाफल रोके जाने के बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निर्णय को पटना उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए बोर्ड के निर्णय को गैर कानूनी करार देते हुए उक्त आदेश को रद्द कर दिया।
न्यायाधीश चक्रधारीशरण सिंह की एकलपीठ ने हाजीपुर के पंडित उज्ज्वल मिश्रा सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य उमेश मिश्रा की ओर से दायर रिट याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया की बिहार बोर्ड द्वारा वैसे छात्रों को केवल इस संदेह के आधार कि उनकी आयु फार्म में लिखी आयु से अधिक है, रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है | साथ ही उनका परीक्षाफल भी रोक लिया गया।
अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद परीक्षा समिति की कार्रवाई को गैरकानूनी करार देते हुए उक्त निर्णय को रद्द कर दिया। साथ ही साथ अदालत ने बिहार बोर्ड को निर्देश दिया की यदि उसे छात्रों की आयु को लेकर कोई संदेह है तो वह मेडिकल टीम गठित कर आयु जांचने हेतु आम सूचना प्रकाशित करे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि मेडिकल टीम के समक्ष जो छात्र अपनी आयु जाँच करवाने हेतु यदि उपस्थित नहीं होते हैं, वैसे छात्रों के बारेे में समिति निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगी।