पटना, (हि.स.)। वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा है कि भारत सरकार की डाटा बेस और आधारकार्ड लिंक योजनाओं से बिहार में एक से एक घपला-घोटालों का भांडा फूट रहा है। राशन कार्ड को आधार लिंक से जोड़ने के दौरान राज्य में एक लाख से अधिक राशन कार्ड नकली पाए गए हैं, जो या तो मृत व्यक्तियों के नाम पर या अयोग्य व्यक्ति के नाम पर थे।
यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता का नायाब उदाहरण आधार कार्ड है जिसे प्रायः अधिसंख्य कार्यों में उपयोग किया जाना है। सरकारी कार्यों में जैसे-जैसे इसकी उपयोगिता बढ़ रही है, गोलमाल के अजूबे मामले उद्घाटित हो रहे हैं। इससे पूर्व सामाजिक सुरक्षा योजना का डाटाबेस तैयार करने में 48 लाख से अधिक फर्जी पेंशनधारी पकड़ में आए थे ।
ताजा मामला पकड़े गये 1.06 लाख फर्जी राशन कार्डों का है। केन्द्र सरकार यदि आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाती तो राशन के नाम पर सरकारी खजाने से लूट जारी रहती। प्रदेश में 1.54 करोड़ राशन कार्डों को आधार नंबर से जोड़ा जाना है, इसमें से राज्य के सभी 38 जिलों में अब तक 1.06 लाख राशन कार्ड फर्जी पाए गए।
यादव ने कहा कि भारत सरकार की आरटीजीएस, बायो मीट्रिक डाटा बैंक, जीपीआरएस आदि नवीनतम तकनीकी व्यवस्थाओं ने आमजनों के लिए भ्रष्टाचार मुक्त राह का मार्ग प्रशस्त किया है। इसमें राज्य सरकार की तमाम गड़बड़ियां, घपले-घोटाले तुरंत पकड़ में आ जाएंगे। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और फर्जी राशन कार्ड के पकड़ में आने के बाद सूबे में कई अन्य योजनाओं की अनियमितताओं का उजागर होना भी तय है।