पटना, (हिस)। भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफा नहीं देने के राजद के निर्णय के बाद, बिहार की सत्तारुढ़ महागठबंधन के दो प्रमुख घटक, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जदयू के बीच तनातनी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
रेलवे के दो होटलों के टेंडर में हुई हेरा फेरी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की राजद अध्यक्ष एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के पटना समेत 12 ठिकानों पर की गई छापेमारी और तेजस्वी यादव पर भी दर्ज FIR से उत्पन्न राजनैतिक हालातों पर चर्चा करने के लिए लालू यादव की अध्यक्षता में राजद विधानमंडल दल की सोमवार को पटना में हुई बैठक में लिए गए इस निर्णय से जदयू और राजद के बीच टकराव होने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
बैठक के बाद राजद के पाले से वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में हालांकि तेजस्वी यादव के मुद्दे पर बैठक में किसी भी तरह की चर्चा से इनकार किया।
राजद विधानमंडल दल की इस बैठक पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजरें टिकी हुई थी। इस बैठक के माध्यम से राजद ने अपने सहयोगी जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार को यह स्पष्ट संकेत दे दिया के राजद के सभी 80 विधायक तेजस्वी यादव के साथ हैं और उन्हें उप मुख्यमंत्री के पद से हटाने पर राजद असहमत हैं।
इस बीच जदयू के करीबी सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार ने राजद को स्पष्ट संदेश दिया था कि भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण उप मुख्यमंत्री पद से तेजस्वी यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए। तेजस्वी यादव के विभागों को लालू यादव के बड़े पुत्र और बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव को सुपुर्द करने को नीतीश कुमार ने राजद को कहा था।
नीतीश कुमार को राजद ने आज संकेत दे दिया कि वह तेजस्वी के मामले पर पूरी तरह अड़ा हुआ है।
राजद के इस निर्णय के बाद वर्ष 2005 से ही भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे नीतीश कुमार अपने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह तथा आरसीपी जैसे नेताओं के साथ अपने सरकारी आवास पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने का उन्होंने निर्णय लिया था।
वर्तमान राजनीतिक स्थिति और तेजस्वी यादव के मामले पर चर्चा करने के लिए जदयू ने अपने कोर कमेटी कि कल बैठक बुलाई है। इस बैठक के पहले ही तेजस्वी यादव के इस्तीफे के मामले में राजद के स्पष्ट संकेत से बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में दरार उत्पन्न होने की संभावना प्रबल दिखाई दे रही है।