बिहार
डॉ बीरबल झा ने की मिथिला एंथम की रचना
By Deshwani | Publish Date: 9/7/2017 6:59:31 PMपटना, (हि.स.)| मैथिल एवं मिथिला संस्कृति को लेकर देश व विदेश में अलख जगाने वाले मिथिला लोक फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ बीरबल झा ने अंग्रेजी भाषा में एक मिथिला गाने ' मिथिला एंथम' की रचना की है जिसे पिछले दिनों ही भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा कॉपी राइट्स अधिकार मिला है। बीस पंक्तियों की इस रचना में दुनिया भर में फैले उन सभी मिथिलावासियों से मिथिला आने का आह्वान किया गया है जो इस संस्कृति की विरासत का एक हिस्सा हैं और इससे जुड़कर अपनी पहचान बनाये रखना चाहते हैं।
ज्ञात हो कि डॉ झा काफी समय से विविध प्रकार की सामाजिक, सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करके राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मिथिला संस्कृति की विरासत का प्रचार-प्रसार करते रहे हैं। अभी हाल में ही बेटी अभियान और चलो सौराठ सभा जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करके उन्होंने विश्वभर के मैथिलवासियों का ध्यान आकर्षित किया था। मिथिला में पाग पहनने की बेहद प्राचीन परम्परा रही है, जिसे लोग अब भूलते जा रहे हैं।
डॉ झा का मानना है कि मिथिला एंथम मिथिला की इन सभी बिखरी कड़ियों को जोड़ने वाला एक माध्यम साबित होगा। गान मूलतः सामूहिक होता है और इसका उद्देश्य भी मिथिलावासियों के मध्य एकता और भाईचारा को विकसित करना है। ओ माई डिअर फ़ेलो, से शुरू होने वाला यह एंथम मैथिली भाषा में लिखने के बजाय अंग्रेजी में ही क्यों लिखा गया, इसपर डॉ झा का कहना है कि अंग्रेजी अन्तरराष्ट्रीय भाषा है और इसके माध्यम से हम देश के बाहर रहने वाले मैथिलवासियों से भी आसानी से जुड़ सकते हैं, इसलिए पहले अंग्रेजी में ही लिखा गया लेकिन जल्द ही इसका मैथिली और हिंदी दोनों में अनुवाद कराया जायेगा।