पटना, (हि.स.)। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के यहां शुक्रवार को लारा कंपनी द्वारा अर्जित अवैध सम्पत्ति के मामले में सीबीआई की छापेमारी ने 1998 में राबड़ी देवी के मुख्यमंत्रित्व काल में पहली बार 1 अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में हुई चारा घोटाला मामले में छापेमारी की याद ताजा कर दी है। अंतर सिर्फ यह है कि ताजा छापेमारी बगल के 10 सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री के नाते मिला राबड़ी-लालू के सरकारी आवास में हुई है। उस समय छापेमारी के दिन लालू नयी दिल्ली में थे जबकि आज चारा घोटाला मामले में अदालत में पेशी के लिए रांची गए हैं। दोनों बाद सीबीआई की छापेमार टीम पूरे दिन आवास में तलाशी और पूछताछ में लगी रही।
सीबीआई ने लालू के रेल मंत्रित्वकाल में हुए घोटाला के सिलसिले में लालू-राबड़ी-तेजस्वी सहित अन्य पांच को आरोपी बनाया है। रेलवे की रांची और पुरी के होटल को निजी हाथों में रख-रखाव के लिए सौंपने में अमानत में ख्यानत का मामला है। निजी हाथों में होटल देने में नियमों की अनदेखी और पक्षपात करने के एवज में पटना में होटल संचालक की जमीन लालू-राबड़ी के नाम बनी लारा कंपनी के नाम पर करा लेने संबंधी मामले में लालू समेत राबड़ी देवी और तेजस्वी प्रसाद यादव आरोपी बनाये गये हैं ।
सीबीआई ने चर्चित चारा घोटाला की साजिश में लालू को शामिल होने का मामला दर्ज करने के साथ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का भी अलग मुकदमा 19 अगस्त ,1998 को दर्ज किया था।
इसी मामले में मुख्यमंत्री आवास सहित अन्य कई ठिकानों पर छापा पड़ा था। लालू के साले एवं पूर्व सांसद साधु यादव के अनुसार उस समय सीएम आवास सहित गोपालगंज और उनके आवास पर भी सीबीआई का छापा पड़ा था। निचली अदालत से ही डीए मामले में लालू बरी हो गए।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीबीआई द्वारा 5 जुलाई को मामला दर्ज कर आज की छापेमारी के बाद आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किये जाने की कार्रवाई तय है । धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार आदि की धाराओं में मामला दर्ज होने के कारण इन मामलों में अदालत से जमानत लेनी होगी। ऐसे में उप मुख्यमंत्री होने के नाते तेजस्वी प्रसाद यादव को कुर्सी गंवानी ही होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विपक्ष के बढ़ते दबाव पर तेजस्वी से इस्तीफा लेने की नौबत आ गयी है।
अदालती कार्रवाई होेने पर तो इस्तीफा तय माना जा रहा है। फिलहाल लालू परिवार चारा घोटाला मामले के समय से अभी ज्यादा संकट में है। बेनामी सम्पत्ति मामले में आयकर और ईडी की शुरु हुई कार्रवाई में भी लालू परिवार पर कानूनी शिकंजा कसता दिख रहा है । तब राबड़ी देवी,मीसा भारती के साथ दोनों भाई तेज प्रताप एवं तेजस्वी और अन्य दो बहनें और मीसा के पति शैलेश पर भी कानूनी शिंकजा कसेगा।