बिहार
शैक्षणिक अवकाश और जेल अवधि के वेतन भुगतान की जांच कर कारवाई का निर्देश
By Deshwani | Publish Date: 4/7/2017 4:16:00 PMपटना, (हि.स.)| पटना उच्च न्यायालय ने शैक्षणिक अवकाश या जेल में बंद रह चुके पटना विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों को वेतन भुगतान किये जाने का कड़ा संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मामले की छह माह में जांच पूरी कर, दोषियों के विरूद्ध उचित कानूनी कारवाई करने का मंगलवार को निर्देश दिया ।
मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन तथा न्यायाधीश डा. अनिल कुमार उपाध्याय की खण्डपीठ ने एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना विश्वविद्यालय प्रशासन से यह भी जानना चाहा कि ऐसे प्राध्यापकों को किस कानून के तहत वेतन का भुगतान किया गया ?
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया था कि पटना विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत प्रो. (डा.) रामजतन सिन्हा, प्रो. एन के चैधरी, प्रो. अशोक कुमार तथा अन्य ने प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए शैक्षणिक अवकश और जेल में रहने की अवधि का भी वेतन ले लिया है। अदालत को यह भी बताया गया कि प्रो. (डा.) रामजतन सिन्हा करीब 92 दिनों तक न्यायिक हिरासत में जेल में बंद थे, फिर भी उन्हें उस अवधि का वेतन भुगतान विश्वविद्यायल प्रशासन ने कर दिया । इतना ही नहीं जो प्राध्यापक बिना वेतन के शैक्षणिक अवकाश पर थे, उन्हें भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से वेतन का भुगतान कर दिया गया। अदालत को यह भी बताया गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा वेतन भुगतान करने के पूर्व किसी भी तरह की जानकारी इन लोगों से नहीं ली गई, ना ही कोई छानबीन की गई |
अदालत ने इस मामले पर सख्त ऐतराज जताते हुए पटना विश्वविद्यालय के कुलपति को इस मामले की जांच के लिए एक कमिटी गठित कर छह माह के अंदर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया | अदालत ने स्पष्ट किया कि दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।