पटना, (हि.स.) । बहुचर्चित बिहार कर्मचारी चयन आयोग पर्चा लीक मामले में अभियुक्त बनाये गये गुजरात प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनित कुमार एवं उनके कर्मचारी बिपिन कुमार को पटना उच्च न्यायालय ने किसी भी तरह का राहत देने से साफ तौर पर इंकार करते हुए उनकी नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दिया। हालांकि विनीत कुमार की ओर से औपबंधिक जमानत हेतु दायर की गयी याचिका को अदालत ने स्वीकार करते हुए इसकी सुनवाई बुधवार को निर्धारित की है।
न्यायाधीश प्रभात कुमार झा की एकलपीठ ने बिनित कुमार एवं विपीन कुमार की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया।
गौरतलब है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग यानी बीएसएससी की इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्न-पत्र और उसके उत्तर लीक होने के मामले में अहम सबूत मिलने के बाद बिहार सरकार ने परीक्षा रद्द कर दिया था। मामले की जांच में जुटी विशेष जांच टीम ने आयोग के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार, सचिव परमेश्वर राम तथा आयोग के डाटा एंट्री ऑपरेटर नितिरंजन प्रताप को गिरफ्तार किया था। सरकार ने भी इस प्रकरण पर तुरंत कदम उठाते हुए, हो चुकी तथा होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया था। बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने इंटर स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा के लिए चार तारिखों का ऐलान किया था। दो परीक्षाएं 29 जनवरी और पांच फरवरी को हो चुकी थीं, जबकि अन्य परीक्षाएं 19 फरवरी और 26 फरवरी को होनी थी।
पहले दो चरणों में हुई परीक्षा के प्रश्न-पत्र और उनके उत्तर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। लेकिन आयोग ने किसी भी तरह की लीकेज मानने से इंकार कर दिया था। जबकि पेपर देने आए छात्रों ने सोशल मीडिया पर वायरल प्रश्न-पत्रों में एक सेट को सही बताया था। छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया।
छात्रों का हंगामा बढ़ता देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुआई में एक जांच दल गठित किया गया और जगह-जगह छापेमारी की गई और आयोग के अध्यक्ष सचिव, गुजरात प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनीत कुमार उनके कर्मचारियों बिपिन कुमार सहित कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था।