बिहार
नीतीश कुमार का सिद्धांत समझौतावादी : श्रीभगवान सिंह कुशवाहा
By Deshwani | Publish Date: 3/7/2017 5:40:43 PM-हजारों कार्यकर्ताओं के साथ पांच को रालोसपा में शामिल होंगे कुशवाहा
पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा ने आज राज्य की सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्हें सिद्धंातविहीन बताया। साथ ही उन्होंने पांच जुलाई 2017 को केंद्रीय राज्यमंत्री सह राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के समक्ष पांच से सात हजार कार्यकर्ताओं के साथ रालोसपा की सदस्यता लेने का एलान भी किया। उन्होंने कहा राज्य के बदलते राजनीतिक घटनाक्रम उपेंद्र कुशवाहा जी के नेतृत्व में पार्टी और भी ताकतवर होकर उभरेगी और एनडीए को मजबूत करने में सशक्त भूमिका निभाएगी।
इससे पहले श्री कुशवाहा ने पटना के फ्रेजर रोड में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि वे सिद्धांत से समझौता नहीं करेंगे, लेकिन उन्हें सिद्धांत की बात करने का कोई हक नहीं है। अगर वे इतने ही बड़े सिद्धांतवादी हैं, तो पूरी जिंदगी कांग्रेस मुक्त भारत के लिए लड़ने वाले जयप्रकाश नारायण का अनुयायी होते हुए कांग्रेस के साथ सरकार में क्यों बनाया। खुद को लोहियावादी कहते हैं, मगर उसी कांग्रेस के साथ सरकार बनाने में उन्हें कोई गुरेज नहीं हुआ, जिसके खिलाफ लोहिया ने मोर्चा खोला था। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार भगत सिंह को मानते हैं, तो सिद्धांत के आधार पर उन्हें वाम दलों के साथ होना चाहिए। मगर ऐसा कुछ नहीं है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार सिर्फ कुर्सी के लिए सिद्धांत से समझौता कर सकते हैं। उनके पास कोई सिद्धांत नहीं है। उनका सिद्धांत समझौतावादी है। उन्होंने कहा कि वे केंद्र की एनडीए सरकार पर चुनाव में किए गए वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हैं, मगर क्या उन्हें खुद पता है कि उन्होंने अपने किए वादे का क्या किया। उन्होंने बिहार के किसान, छात्र, मजदूर, कामगार, महिलाओं आदि को सिर्फ निराश किया है। उन्होंने बिहार को फिर से उस दौर में लाकर खड़ा कर दिया, जहां फिर से राज्य की जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। राज्य में गैंगवार, चोरी, बलात्कार, डकैती और हत्या का दौर फिर से शुरू हो चुका है, जिसके समाने प्रशासन भी नतमस्तक है।
उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने बिहार में आज तक एक भी केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए जगह और जमीन की अनुशंसा नहीं कर पाई। वहीं, देश भर से केंद्रीय मानव संसाधन विभाग के पास 200 से अधिक केंद्रीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव आया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए कितनी सजग है। वैसे भी राज्य सरकार का शिक्षा के प्रति नकारात्मक रूख पिछले दिनों जगजाहिर हो चुका है।