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बिहार
विपक्ष पहले एजेंडा तय करे, तब एकता की बात हो : नीतीश
By Deshwani | Publish Date: 3/7/2017 5:11:14 PM
विपक्ष पहले एजेंडा तय करे, तब एकता की बात हो : नीतीश

पटना,  (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए मैं विपक्ष का न चेहरा हूं और न इसकी हमें लालसा है। विपक्ष को अपना वैकल्पिक एजेंडा तय करना चाहिये। वैकल्पिक एजेंडा के आधार पर एकता और गोलबंदी होनी चाहिये । तभी वह प्रभावी होगा। सिर्फ चेहरा प्रभावी नहीं होगा। बिहार में जनता से किये वायदे लागू करना हमारी प्राथमिकता है।
कुमार सोमवार को यहां अपने लोक संवाद के साप्ताहिक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे | उन्होंने कहा कि पहले भी वह कह चुके हैं कि विपक्ष को अपना एजेंडा तय कर लेना चाहिये। विपक्ष के मजबूती के लिये यह जरूरी है कि हम अपना एजेंडा तय करें और उसपर काम करें, साथ ही विपक्ष के दायित्वों का भी पालन करें। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक एजेंडा सभी विपक्षी पार्टियों को मिलकर तय करना चाहिये। वैकल्पिक एजेंडा में यह तय होना चाहिए कि हम किस प्रकार देश को आगे ले जाना चाहते हैं । हर मुद्दों पर हमें अपनी बात रखनी चाहिये। कांग्रेस विपक्ष की बड़ी पार्टी है । उसे इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
जदयू अध्यक्ष ने कहा कि मेरा यह स्पष्ट मत है कि आज देश में वैकल्पिक नरेटिव की जरूरत है। सिर्फ एकता की बातें करने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव के समय बना महागठबंधन सिर्फ विपक्षी एकता नहीं थी। हमारा एक एजेंडा था । महागठबंधन में स्पष्ट एकता के साथ-साथ भविष्य के लिये एजेंडा था जो कि एनडीए में नहीं था। महागठबंधन में शामिल दलों के प्रत्याशियों की एक सूची एक बार में जारी की गयी । वही राजग में शामिल दलों में एकता थी और उसके प्रत्याशियों की सूची अलग-अलग और देर तक जारी होती रहीं । महागठबंधन की जीत का मुख्य कारण एकता के साथ एजेंडा भी था। इसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर भी सिर्फ गठबंधन बनाने से नहीं होगा अल्टरनेटिव एजेंडा के साथ लोगों के बीच जाना चाहिये।
 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में सत्ताधारी महागठबंधन में किसी भी टूट की न तो संभावना है और न कोई खतरा है। महागठबंधन पूरी तरह अटूट है। राजद की 27 अगस्त को पटना में प्रस्तावित रैली में भाग लेने का अभी अनौपचारिक न्योता मिला है। औपचारिक न्योता भी मिल जाएगा। बिना न्योता के कहीं कोई जाता है क्या?
श्री कुमार ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के उनके संबंध में दो सिद्धांतों पर चलने वाले नेता संबंधी वक्तव्य पर कहा कि जदयू को जो कहना था वह कह दिया गया है। बिहार के विकास के लिये साझा कार्यक्रम को लागू करना हमारी प्राथमिकता है। सभी को अपनी मर्यादा का पालन करना चाहिये। मैं प्रेस की आजादी का पक्षधर हूॅ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएएसटी के लॉचिंग समारोह के लिए उन्हें आमंत्रण नहीं था। मिलता तो जरुर जाते। शायद किसी मुख्यमंत्री को निमंत्रण नहीं था। सांसद और जीएसटी काउंसिल के सदस्यों और देश के चुने हुए खास लोगों को आमं​त्रण था। उन्होंने कहा कि जीएसटी के वे शुरू से हिमायती रहे। चाहे एनडीए में रहे या वर्तमान में । यह सबसे बड़ा कर सुधार है। इससे कर चोरी रुकेगी। व्यापार में पारदर्शिता आयेगी। उपभोक्ता राज्य होने के कारण बिहार को इससे लाभ मिलेगा।

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