बिहार
नीतीश ने दिया लालू-सोनिया को बड़ा झटका, देंगे एनडीए उम्मीदवार को समर्थन
By Deshwani | Publish Date: 21/6/2017 5:50:46 PMपटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करेगी। जेडीयू विधायक रत्नेश सदा के हवाले से यह खबर दी है कि कोविंद को समर्थन देने पर जेडीयू की बैठक में ये फैसला लिया गया है। पहले से ही संभावना थी कि नीतीश कुमार रामनाथ कोविंद को एनडीए उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले का समर्थन कर सकते हैं। इसे लालू व सोनिया के लिए बड़ा झटका माना जा सकता है। कोविंद को टीआरएस, बीजेडी, AIADMK, YSR कांग्रेस, शिवसेना के बाद अब जेडीयू का भी सपोर्ट मिल गया है। पार्टी इसका एलान बुधवार शाम कर सकती है। ऐसा कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने इसकी जानकारी सोनिया गांधी को दे दी है। बता दें कि विपक्ष की इस मुद्दे पर 22 जून को मीटिंग है। जानकारों की मानें तो एनडीए के पास राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने वाले इलेक्टोरल कॉलेज के 57.85% वोट हैं। लिहाजा कोविंद आसानी से अगले राष्ट्रपति बन जाएंगे। अगर अपोजिशन अपने कैंडिडेट को उतारने का फैसला करता है तो भी कोविंद के राष्ट्रपति बनने में दिक्कत पेश नहीं आएगी।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को जेडीयू विधायकों, मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। उन्होंने कहा- " हम लोग रामनाथ कोविंद को सपोर्ट करेंगे। मुख्यमंत्री ने भी यही कहा है। रामनाथ अच्छे आदमी हैं। हम लोग उनके साथ हैं। यह पहली बार हो रहा है कि बिहार के राज्यपाल को सीधे राष्ट्रपति बनाया जा रहा है।"
नीतीश ने विधायकोंं से वन टू वन बात की है। विधायकों ने नीतीश को फैसला लेने के लिए अधिकृत किया। सभी एमएलए को पटना में ही रहने को कहा गया है। इससे पहले नीतीश कुमार ने कहा था कि कोविंद का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाने से मैं पर्सनली खुश हूं। बता दें कि जेडीयू के वोटों की संख्या 1.91% है।
कोविंद एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुने जाने से पहले बिहार के राज्यपाल के तौर पर काम कर रहे थे। नीतीश खुद कोविंद के काम की तारीफ कर चुके हैं। साथ ही कोविंद दलित नेता हैं। ऐसे में सुशासन पुरुष और दलितों के हितैषी के रूप में नीतीश की छवि का तकाजा यही था कि वह इस फैसले का विरोध नहीं कर सकते थे। हालांकि यह रोचक है कि विपक्ष की ओर से उम्मीदवार की घोषणा से पहले नीतीश ने समर्थन की घोषणा कर दी। वही चर्चा थी कि विपक्ष की ओर से मीरा कुमार के रूप में एक बिहारी और दलित नेता को कोविंद के सामने खड़ा किया जा सकता है। ऐसा होता तो नीतीश के लिए मोदी सरकार के उम्मीदवार का विरोध करने का रास्ता खुल सकता था।