पटना, (हि.स.)| बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तथा वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर योग का बहिष्कार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) पर दर्जनों मुस्लिम देशों सहित दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में करोड़ों लोग सार्वजनिक रूप से योगाभ्यास कर भारत की प्राचीन विद्या का सम्मान करेंगे वहीं नीतीश कुमार कट्टरपंथी ताकतों के डर से योग कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं |
मोदी ने कहा कि योग का सूत्रपात करने वाले महर्षि पतंजलि की भूमि बिहार में स्थापित योग विद्यालय दुनिया में योग का प्रचार करता है जबकि बिहार की नीतीश सरकार योग दिवस का बहिष्कार कर रही है | उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के विरोध के बावजूद लाखों लोग यहां भी योग दिवस मनायेंगे।
उन्होंने कहा कि अकेले में योग करने वाले नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि क्या वे कट्टरपंथी ताकतों के डर से योग कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों को संतुष्ट रखने के लिए तीन तलाक के मुद्दे पर नीतीश कुमार चुप्पी सधे हुए हैं |उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शराबबंदी को सफल बनाना चाहते हैं, तो उन्हें योग का प्रचार करना चाहिए। योग करने वाला व्यक्ति शराब नहीं पीता। जब नीतीश कुमार शराबबंदी के पक्ष में मानव शृंखला बनवा सकते हैं, तब वे योग दिवस पर सरकारी आयोजन क्यों नहीं कराते ?
भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री के मन में यदि योग के प्रति थोड़ा भी आदर है, तो उन्हें गांधी मैदान में योग दिवस का नेतृत्व करना चाहिए और योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की घोषणा कर हर विद्यालय में योग शिक्षकों की नियुक्ति करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2015 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरूआत की थी। यह भाजपा या किसी हिंदू संगठन का कार्यक्रम नहीं है। नीतीश सरकार की बेरुखी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी से तो अपराध में कमी नहीं आयी, लेकिन अगर योग को बढ़ावा दिया गया, तो समाज में शांति अवश्य बढ़ेगी।