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बिहार
पिता की दुकान में खैनी बेचते थे यूपीएससी में 728वां रैंक पाने वाले निरंजन
By Deshwani | Publish Date: 5/6/2017 3:39:21 PM
पिता की दुकान में खैनी बेचते थे यूपीएससी में 728वां रैंक पाने वाले निरंजन

पटना, (हि.स.)। यूपीएससी-2017 के रिजल्ट में सफल छात्रों की लिस्ट में बिहार के नवादा जिले के निरंजन कुमार का नाम भी शामिल है। स्कूल की पढ़ाई के दौरान निरंजन नवादा जिले के पकरी बरावा गांव में पिता अरविंद खैनी (तम्बाकू) की दुकान चलाते थे। इससे बड़ी मुश्किल से पांच हजार रुपये कमाते थे, लेकिन निरंजन ने गरीबी को मजबूरी नहीं बनने दिया। 
यूपीएससी की परीक्षा में 728वां रैंक आने से निरंजन संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है निरजंन को इंडियन रेवेन्यू सर्विस में जॉब मिलेगी जिससे वह संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा है कि वह अगले साल फिर से परीक्षा देंगे, क्योंकि वे आइएएस के अधिकारी बनना चाहते हैं।
निरंजन के पिता पर तीन बेटों और एक बेटी की पढ़ाई के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। निरंजन बचपन से ही पढ़ने में अच्छे थे, लेकिन घर की हालत देखकर सोचते थे कि आगे पढ़ने के लिए पैसे कहां से आएंगे। इसी बीच निरंजन को पता चला कि जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ाई अच्छी होती है और पैसे भी नहीं लगते। निरंजन को उम्मीद की एक किरण दिखी और उन्होंने एडमिशन के लिए फॉर्म भर दिया। वह इंट्रेंस टेस्ट में सफल भी हुए।
इंटर की पढ़ाई के लिए निरंजन ने चार लाख रुपये का एजुकेशन लोन लिया। 2011 में कोल इंडिया लिमिटेड में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर नौकरी पाने के बाद निरंजन ने लोन चुका दिया।
इंटर की पढ़ाई के साथ ही निरंजन आईआईटी की तैयारी कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने आईएसएम धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई की सुबह-शाम बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते और खुद दिन में 8-10 किलोमीटर पैदल चलकर कोचिंग क्लास जाते थे क्योंकि उसके पास ऑटो का किराया देने के लिए पैसे नहीं होते थे। डेढ़ साल बाद निरंजन ने ट्यूशन के बचाए पैसे से 600 रुपये में सेकेंड हैंड साइकिल खरीदी और लगातार अपनी पढ़ाई जारी रखी।
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