झारखंड
रघुवर सरकार ने सत्ता को व्यापार बनाया : बाबूलाल मरांडी
By Deshwani | Publish Date: 26/2/2017 3:43:32 PMपाकुड़, (हि.स.)। राज्य की रघुवर सरकार ने सत्ता को व्यापार बना दिया है। यही वजह है कि इस सरकार की सारी नीतियां किसान, मजदूर और रैयतों के बजाय काॅरपोरेट घरानों के हितों की कीमत पर सिर्फ काॅरपोरेट घरानों के हितों के मद्देनजर बनायी जा रही हैं। यह बातें रविवार को स्थानीय परिसदन में झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने हिन्दुस्थान समाचार से कहीं। वह रविवार को लिटटीपाड़ा में आयोजित झाविमो विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में जाने के दौरान कुछ समय के लिए यहां रूके थे।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार रैयतों की जमीन कौड़ी के मोल लेकर उन्हें उजाड़ने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि गोड्डा जिला प्रशासन ने जमीन की कीमत 41 लाख रुपये प्रति एकड़ तय की थी। लेकिन सरकार ने मनमाने ढंग से उसे सवा तीन लाख रुपये कर दिया। जब हंगामा मचा तो उसे बढ़ाकर छह से बारह लाख रुपये प्रति एकड़ तय किया, वह भी पांच केटेगरी में। मरांडी ने कहा कि जमीन को लेकर संघर्ष की मूल वजह अबतक की सरकारों द्वारा रैयतों की आवश्यकताओं को नजरअंदाज किया जाना है। उन्होंने कहा कि रैयतों को सिर्फ जमीन के बदले जमीन, नकद मुआवजा के अलावा कुल उत्पादन में (न कि कुल लाभांश में) एक निश्चित प्रतिशत हिस्सा भी देना होगा तभी ऐसे विवादों का अंत होगा क्योंकि एक एकड़ जमीन के अंदर करोड़ों की खनिज संपदा छिपी होती है।
रैयतों को चंद रुपये थमा कर उद्योगपतियों को लूट की छूट की नीति झाविमो बर्दाश्त नहीं कर सकता है। झाविमो नेता ने कहा कि सरकार खान-खदानों के अलावा बड़े-बड़े कारखानों, कार्यालयों, माॅल्स आदि के लिए लीज रेंट पर जमीन लेने की नीति तैयार करे लोग खुशी-खुशी देंगे। उधर, लिटटीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवार देने के बावत कहा कि यह स्थानीय कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद ही कहा जा सकता है। जबकि जमीन अधिग्रहण से लेकर सीएनटी तथा एसपीटी एक्ट में संशोधन के मुद्दे पर यूपीए गठबंधन के बावजूद झामुमो का रवैया झाविमो से अलग होने के बाबत मरांडी ने कहा कि जल, जंगल और जमीन की बात करना अथवा मुद्दे उठाना झामुमो की राजनीतिक मजबूरी है क्योंकि वह सबके साथ सरकार में रह चुकी है। उसे सब पता है।