नेपाल
नेपाल में संविधान संशोधन जरूरी : प्रचंड
By Deshwani | Publish Date: 22/5/2017 5:35:16 PMजनकपुर, (हि.स.)। देश के संविधान को सभी लोगों के बीच स्वीकार्य बनाने के लिए इसमें संशोधन जरूरी है। यहां सोमवार को एक समाचार पत्र की वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने ये बातें कहीं।
दी हिमालयन टाइम्स के अनुसार, प्रचंड ने कहा, “ संविधान ने अतीत में संघर्षों की कई उपलब्धियों को संस्थागत बना दिया है। लेकिन अभी कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सफलतापूर्वक निकाय चुनाव कराना वर्तमान संघर्ष है। ” प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि दूसरे चरण के निकाय चुनाव को सफल बनाने के लिए सभी दलों के बीच सहयोग होना चाहिए।
प्रचंड ने अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि मधेश में दो प्रांत होना चाहिए और देश में कुछ दस राज्य होना चाहिए। उन्होंने पिछड़े और अलग-थलग पड़े समुदायों के अधिकारों के लिए अपनी पार्टी के सघर्ष पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन विधेयक तभी आगे बढ़ सकता है जब राजनीतिक स्थिति अनुकूल होगी। प्रचंड ने आगे कहा कि वह भी मधेश का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनकी पार्टी ने मधेश और अलग-थलग पड़े समुदायों के लिए सभी पार्टियों से अधिक काम किया है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय जनतापार्टी नेपाल बनाकर सभी मधेशी दलों को एकजुट करने के लिए उपेंद्र यादव की प्रशंसा की और कहा कि दूसरे चरण निकाय चुनाव में मधेश विरोधी दलों और नेताओं को परास्त करने के लिए राजपा को समान उममीदवार चुनाव मैदान में उतारना चाहिए।