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चुनाव चिन्ह के आधार पर मतदान की परिपाटी को समाप्त करें निर्वाचन आयोगः अन्ना हजारे
By Deshwani | Publish Date: 15/1/2018 8:54:34 PM
चुनाव चिन्ह के आधार पर मतदान की परिपाटी को समाप्त करें निर्वाचन आयोगः अन्ना हजारे

 नई दिल्ली, (हि.स.)। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने देश में दलविहीन लोकतंत्र की वकालत करते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह चुनाव चिन्ह के आधार पर चुनाव लड़ने की परिपाटी समाप्त करें। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को दल और चुनाव चिन्ह के आधार पर नहीं बल्कि उम्मीदवार की छवि और योग्यता के आधार पर अपने जन प्रतिनिधि का चुनाव करना चाहिए।

सोमवार को यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में भारतीय मतदाता संगठन की ओर से आयोजित ‘स्वच्छ राजनीति एवं अपराधमुक्त भारत’ विषयक गोष्ठी को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि अभी तक देश में सही लोकतंत्र नहीं आया। संविधान में स्पष्ट कहा गया है कि भारत में रहने वाला कोई भी ‘व्यक्ति’ जिसकी आयु 25 वर्ष है वह लोकसभा और 30 वर्ष की आयु का व्यक्ति राज्यसभा का चुनाव लड़ सकता है। किंतु, आज इसके उलट ‘व्यक्ति’ नहीं लड़ रहा बल्कि ‘समूह’ (दल) लड़ा रहा है। संविधान की व्यवस्था के मुताबिक ‘व्यक्ति’ चुना जाता तो दिक्कत न आती, किंतु ‘समूह’ के कारण राजनीति में भ्रष्टाचार और अपराध बढ़ रहा है।
 
हजारे ने कहा कि जब देश आजाद हुआ उसके बाद उस दौर की सभी राजनैतिक पार्टियों को नेस्तानाबूद कर दिया गया होता तो आज यह हालात न होते। आज राजनैतिक दलों का सत्ता में आना एकमात्र लक्ष्य हो गया है और इसके कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। ‘समूह’ के कारण भ्रष्टाचार को पनपने और बढ़ने का मौका मिल रहा। उन्होंने कहा कि यह ‘समूह’ आज हर गांव तक पहुंच गया है और गुटबाजी व झगड़े करा रहा है जिसके कारण गांव और देश का विकास रुक गया है।
 
अन्ना ने कहा कि जब संविधान में ‘चिन्ह’ का जिक्र नहीं है तो फिर चुनावी व्यवस्था में यह कैसे आया। उन्होंने कहा कि अगर राजनीति को स्वच्छ बनाना है तो लोगों को चुनाव आयोग पर दबाव बनाना होगा कि वह ‘चिन्ह’ के आधार पर चुनाव की परिपाटी को समाप्त करें। इसके लिए लोगों को आगे आकर आजादी की दूसरी लड़ाई समझकर आयोग से लड़ना होगा।
हजारे ने कहा कि जिस दिन आम जनता भारत माता की शपथ ले लेगी कि वह संविधान के मुताबिक जो 25-30 वर्ष की आयु का होगा और उसकी छवि साफ सुथरी होगी उसी को अपना मत देगी, किसी दल के भ्रष्टाचारी, अपराधिक प्रवृत्ति के उम्मीदवार को मत नहीं देगी उसी दिन से राजनीति से भ्रष्टाचार और अपराध का सफाया शुरू हो जाएगा।
 
इससे पूर्व भारतीय मतदाता संगठन के अध्यक्ष ऋषभ चंद्र जैन ने कहा कि सरकार का प्रथम कर्तव्य होता है कि उसके नागरिक निर्भीक हों, उनमें किसी तरह का डर न हो किंतु आज हर ओर अपराध बढ़ रहा है। भ्रष्टाचार के साथ व्यभिचार भी जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि हमारा कर्तव्य मतदाताओं को जागरूक करना है।
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