नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में सोमवार को शीतकालीन सत्र पहले दिन राजधानी दिल्ली में अवैध दुकानों की सीलिंग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर जमकर हंगामा हुआ। इसे लेकर सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित की गई।
सदन की कार्य़वाही शुरू होने से पहले सुबह दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने चौधरी प्रेम सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। इसी दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक हाथ में पोस्टेर लेकर सदन के भीतर भाजपा हाय-हाय के नारे लगाने लगे। सत्तापक्ष व आप विधायक सदन की कार्यवाही में व्यवधान पैदा कर रहे थे, थोड़ी देर बाद भाजपा विधायक भी नारेबाजी करने लगे और पोस्टर लहराने लगे।
आप विधायक विधानसभा के अंदर पोस्टर लहराते हुए 'भाजपा वालों, कन्वर्ज़न चार्ज का हिसाब दो' की मांग और भाजपा शर्म करो की नारेबाजी कर वेल में उतरे। विधानसभा के अंदर करीब 15 मिनट से ज़्यादा ये पोस्टर लहराये गए। जिसके बाद भाजपा विधायक भी आप के विधायकों के सामने बैनर लेकर आ गए और पीडब्यूडी मंत्री से दिल्ली के 351 सड़कों पर जवाब मांगने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा नेताओं को चर्चा का आश्वा़सन देकर हंगामा शांत किया।
सदन की कार्यवाही के दौरान खास बात ये रही कि दिल्ली विधानसभा में अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने हंगामे के दौरान ये कह दिया कि ‘मुझे भले ही न बोलने दें पर कम से कम उपमुख्यमंत्री को तो बोलने दें।‘ जिसके बाद भाजपा विधायकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि शायद विधानसभा अध्यक्ष ये भूल गए कि सदन में अध्यक्ष का पद सभी नेताओं से ज़्यादा बड़ा होता है।
इस बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने स्पीकर पर आप नेता की तरह बर्ताव करने का आरोप लगाया। विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा 351 सड़कों के नोटिफिकेशन पर ध्यानाकर्षण की मांग की तो विधायकों के माइक बंद कर दिए गए उन्हें सदन से मार्शलों से बाहर निकाल दिया गया।
भाजपा के आरोपों पर जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम भाजपा के सारे काले कारनामों का हिसाब सामने रखेंगे। भाजपा विधायक केजरीवाल सरकार को दिल्ली में सीलिंग का जिम्मेदार ठहरा कर नारे लगा रहे हैं जबकि सच्चाई इसके ठीक उलट है।