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सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ जांच की धीमी रफ्तार पर सुप्रीम कोर्ट नाराज
By Deshwani | Publish Date: 15/1/2018 5:01:05 PM
सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ जांच की धीमी रफ्तार पर सुप्रीम कोर्ट नाराज

नई दिल्ली (हि.स.)। कोयला घोटाला मामले में आज सीबीआई की एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए और समय की मांग की। एसआईटी ने कहा कि हमने जांच में अच्छी प्रगति की है। एसआईटी ने कहा कि हम रंजीत सिन्हा से मिलने गए लोगों के डिटेल विजिटर्स डायरी से लेकर जांच कर रहे हैं। एसआईटी ने कहा कि हम विजिटर्स के वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर और उनके बैंक खातों के ट्रांजैक्शन का ब्यौरा खंगाल रहे हैं। इस पर जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि विजिटर्स डायरी में दर्ज वाहनों के रजिस्ट्रेशन डिटेल कुछ ही मिनटों में मिल जाएंगे। अब तो सब कुछ कंप्युटराज्ड हो गया है। कोर्ट ने कहा कि ईडी और सीबीआई द्वारा कोयला घोटाले की जांच की रफ्तार काफी धीमी है।

 
पिछले 4 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच रिपोर्ट की स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने एसआईटी से चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। ये एसआईटी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई है।
 
23 जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने रंजीत सिन्हा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था। उनके खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग कर कोयला घोटाले के आरोपियों के पक्ष में काम करने का आरोप है। कोर्ट ने कहा था कि हमें ऐसा लगता है कि रंजीत सिन्हा ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। कोर्ट ने सीबीआई निदेशकों को निर्देश दिया था कि इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन करें और जांच में केंद्रीय सतर्कता आयोग को भरोसे में लेकर काम करें। सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर एमएल शर्मा के पैनल ने रंजीत सिन्हा को कोयला घोटाले की जांच को प्रभावित करने का का दोषी पाया है।
 
कॉमन कॉज नामक एनजीओ की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने रंजीत सिन्हा की टू-जी और कोयला घोटाले के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है। जब रंजीत सिन्हा सीबीआई डायरेक्टर थे, उसी समय सुप्रीम कोर्ट ने 22 नवंबर 2014 को टू-जी घोटाले की जांच से अलग कर दिया था।
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