बाड़मेर, (हि.स.)। केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगला-भाग्यम-ऐश्वर्या (एमबीए) क्षेत्रों के लिए उन्नत तेल प्राप्ति (एनहांस्ड आयल रिकवरी) कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम राजस्थान से 5 लाख बैरल तेल प्रतिदिन (बीओपीडी) के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।
कंपनी के अनुसार 12 हज़ार करोड़ रुपये की पूंजी निवेश योजना के आधार पर उत्पादन 3 लाख तक बढ़ेगा जिसके लिए कार्य शुरू किया जा चुका है। इसे मिलाकर अगले कुछ वर्षों में कुल 37 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की पूर्ण निवेश योजना के साथ उत्पादन 5 लाख बीओपीडी तक बढ़ाया जाएगा।
बाड़मेर में सेंट्रल पॉलीमर फैसिलिटी में ईओआर प्रोजेक्ट का विधिवत उद्घाटन करने के बाद, केंद्रीय मंत्री ने युवा इंजीनियरों और साथ ही महिला पेट्रोलियम इंजीनियरों के समूह के साथ बातचीत की, जो तेल और गैस सेक्टर में महिला सशक्तिकरण की प्रतीक बन उभरी हैं।
मंगला टर्मिनल में केयर्न ऑयल एंड गैस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर माथुर ने कहा कि कंपनी ने उत्पादन को दोगुना करने का प्रस्ताव दिया है और एमबीए-ईओआर परियोजना, अधिक उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
ईओआर प्रौद्योगिकी और एमबीए परियोजना जो दुनिया में सबसे बड़ी पॉलीमर फ्लड परियोजना होगी, के बारे में जानकारी देते हुए चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुनीति भट्ट ने कहा कि मंगला ईओआर परियोजना इस क्षेत्र से 20 करोड़ बैरल का अतिरिक्त उत्पादन प्रदान कर सकती है, जबकि भाग्यम और ऐश्वर्या ईओआर लगभग 6 करोड़ बैरल का अतिरिक्त उत्पादन अगले 12 वर्षों में प्रदान कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि केयर्न ने 13 लाख बैरल तरल को संभालने के लिए मंगला पप्रोसेसिंग टर्मिनल को अपग्रेड करने की योजना बनाई है। इसके अलावा मंगला 200 से अधिक कुओं के ड्रिलिंग के साथ क्षारीय सरफेक्टेंट पॉलिमर फ्लड प्रोग्राम को आगे बढ़ाया जायेगा। भाग्यम और ऐश्वर्या के लिए लगभग 70 अतिरिक्त कुओं की योजना है।