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वंशवाद से नहीं संघर्ष से मिलता है बड़ा पद : प्रधानमंत्री
By Deshwani | Publish Date: 12/1/2018 5:03:40 PM
वंशवाद से नहीं संघर्ष से मिलता है बड़ा पद : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की शीर्ष कंपनियों के प्रमुख आज भारतीय हैं| उन्होंने यह पद वंशवाद के चलते नहीं बल्कि संघर्ष कर हासिल किया है। 

ग्रेटर नोएडा के गौतम बुद्ध नगर में 22वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया में हर कोई सुविधा पाकर ही आगे बढ़ा है, ये जरूरी नहीं। संघर्ष में भी लोग आगे बढ़े हैं। आज कितनी ही विदेशी कंपनियों को भारत से गए युवा चला रहे हैं। वो कंपनियों के प्रेसिडेंट हैं, चेयरमैन हैं, सीईओ हैं। इन कंपनियों में उनके काम का लोहा माना जाता है। क्या वे सीधे वहां पहुंचे हैं? नहीं। क्या राजनीतिक वंशवाद वाली स्टाइल में उन्हें सीधे वे बड़े पद मिले हैं? नहीं। उन्होंने मेहनत की है, संघर्ष किया है। सपने देखे हैं, जोखिम उठाया है| दिन-रात पसीना बहाया है, तब वहां पहुंचे हैं।’’
उन्होंने कहा कि युवाओं के आज लिए गए संकल्प कल देश का भविष्य तय करेंगे। स्वामी विवेकानंद कहते थे कि “युवा वो होता है जो बिना अतीत की चिंता किए अपने भविष्य के लक्ष्यों की दिशा में काम करता है”। आप युवा आज जो काम करते हैं, वही देश के भविष्य की दिशा तय करता है। 
स्वामी विवेकानंद की जयंती ‘युवा दिवस’ पर प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को मन में ठान कर अकेले ही अपने लक्ष्यों को पाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हर व्यक्ति को कभी न कभी अकेले ही शुरुआत करनी होती है। आपकी नीयत साफ होती है, इरादे स्पष्ट होते हैं, हौसले बुलंद होते हैं तो आपके साथ खुद से लोग जुड़ने लगते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने युवाओं से रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए आगे आने और नए इनोवेशन करने की प्रेरणा दी और कहा कि सरकार मुद्रा योजना के तहत नई पहल करने वालों को 10 करोड़ रुपये तक के ऋण दे चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के ही एक मशहूर गीतकार हुए थे, फिल्मों में भी उन्होंने खूब लिखा था-श्रीमान मजरूह सुल्तानपुरी। उनका एक शेर था- “मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग साथ आते गये और कारवां बनता गया”।
प्रधानमंत्री ने युवाओं से मिलकर काम करने और एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने की दिशा में काम करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘अटल बिहारी वाजपेयी जी कहा करते थे कि कंधे से कंधा लगाकर, कदम से कदम मिलाकर, हमें अपनी जनयात्रा को ध्येय-सिद्धि के शिखर तक ले जाना है। भावी भारत हमारे प्रयत्नों और परिश्रम पर निर्भर करता है। आइए, हम सभी मिलकर, देश के नौजवान मिलकर, देश के सवा सौ करोड़ लोग मिलकर परिश्रम की पराकाष्ठा करें, अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में लगाएं, न्यू इंडिया बनाएं।’’
उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए केवल शिक्षा ही काफी नहीं है| हमारे अंदर योग्यता भी होनी चाहिए। उनकी सरकार युवाओं को योग्य बनाने की दिशा में कई कार्यक्रम लेकर आई है। उन्होंने कहा कि हवाई जहाज के बारे में किताब में पढ़कर ज्ञान हासिल किया जा सकता है लेकिन जहाज उड़ाना उसकी बारीकियां समझना शिक्षा है, लेकिन असली में हवाई जहाज उड़ाना कौशल है। उन्होंने कहा कि स्किल इंडिया मिशन के तहत लाखों नौजवानों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। सरकार देशभर में प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों की स्थापना कर रही है। इंडिया इंटरनेशनल स्किल सेंटर भी खोले जा रहे हैं। सैकड़ों मल्टी स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पर भी काम हो रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है जब युवाओं को अप्रेन्टिसशिप देने वाली कंपनियों को आर्थिक मदद दी जा रही है। अप्रेन्टिसशिप का जो पैसा कंपनियां छात्रों को देती हैं, उसका कुछ हिस्सा सरकार की तरफ से कंपनियों को दिया जा रहा है।
योगी जी कम खिलाड़ी नहीं हैं : मोदी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच ट्वीटर पर हुए वाद-विवाद पर टिप्पणी करते हुए श्री मोदी ने कहा कि योगी जी भी एक बड़े खिलाड़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘वैसे हमारे जुझारू तेज तर्रार युवा मुख्यमंत्री योगी जी भी कम खिलाड़ी नहीं हैं| आजकल उनके काम के कारण कई राज्यों में बहुत से लोगों को उनसे बहुत दिक्कत हो रही है| मैंने देखा कि हमारे योगी जी आजकल ट्विटर-ट्विटर का खेल रहे हैं और ट्विटर के खेल में भी अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को उन्होंने परास्त करके रख दिया है।’’
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के हिन्दू होने पर प्रश्न उठाते हुए कहा था कि वह उनके राज्य में गौहत्या पर प्रतिबंध लगायें। इसके जवाब में श्री सिद्धारमैया ने कहा था कि उन्होंने गाय को पालन किया है और यहां तक की उसकी जीभ तक साफ की है। क्या योगी आदित्यनाथ ने ऐसा किया है?
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