राष्ट्रीय
म्हादई पर कर्नाटक सरकार की कूटनीति
By Deshwani | Publish Date: 12/1/2018 2:59:33 PMपणजी (हि.स.)। म्हादई जल विवाद मुद्दे पर न्यायालय के सामने मामला अभी निपटा ही नही कि फिर से कर्नाटक सरकार का एक कुटनीतिक दांव सामने आया है। बताया जा रहा है कि कर्नाटक सरकार ने जल प्रवाह का माेड बदलने के लिए कणकुंबी मे फिर से काम शुरू कर दिया है।
कर्नाटक सरकार ने पहली बार मिट्टी की दीवारें म्हादई नदी के प्रवाह पर बांधते हुए गाेवा का जल प्रवाह राेकने का प्रयास किया है, जिसके कारण सुर्ला गांव मे बाराजण आैर लाडकेचाे वाॅटरफाॅल के जलस्तर पर काफी असर पड़ा है। बताया जा रहा है कि इससे जलस्तर सामान्य स्तर से ज्यादा नीचे हो गया है।
सुर्ला गांव कर्नाटक आैर गाेवा के सीमा पर है। कणकुंभी मे कलसा नाला पर बांध बना कर नदी के प्रवाह का माेडने की कोशिश पहले से ही कर्नाटक कर रहा है, जिसको लेकर गाेवा न्यायालय में पानी के बंटवारे का केस चल रहा है।
गाेवा के पर्यावरणविद् तथा सभी राजनीतिक दल कर्नाटक काे पानी देने के खिलाफ है लेकिन मुख्यमंत्री मनाेहर पर्रिकर ने कहा है कि जब दाेनाे राज्याें से नदी बहती है ताे कर्नाटक का भी पानी पर हक बनता है लेकिन पानी का माेड बदला जाए ये उन्हें स्वीकार नही है। मुख्यमंत्री पर्रिकर ने कहा कि पानी बंटवारे के ऊपर चर्चा करने के लिए गोवा तैयार है।