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पेशी के दौरान लालू ने जज से कहा, जेल अधीक्षक हार्डकोर टाइप व्यवहार करते हैं
By Deshwani | Publish Date: 10/1/2018 6:44:52 PM
पेशी के दौरान लालू ने जज से कहा, जेल अधीक्षक हार्डकोर टाइप व्यवहार करते हैं

 रांची, (हि.स.)। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बुधवार को दुमका कोषागार मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह के कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान लालू और न्यायाधीश के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। 

लालू ने कोर्ट में कहा कि हमको कुछ होगा तो आपलोग ही जिम्मेवार होईयेगा। हमको एक ही दिक्कत है महोदय कि सप्ताह में तीन ही लोगों को मिलने दिया जाता है। जेल अधीक्षक हार्डकोर टाइप व्यवहार करते हैं। आपके पास बहुत पावर है। इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि यह पावर विधायिका की है। वही कानून बनाता है। रात नहीं होता तो दिन का महत्व नहीं होता। लालू ने कहा कि दही चूड़ा हमलोग मकर संक्रांति में खाते थे, अब क्या करेंगे सर? न्यायाधीश ने कहा कि हम वहीं व्यवस्था करवा देते हैं। कितना दही, चूड़ा चाहिए बोलिये। लालू बोले, “हुजूर यह विभाग तो हमलोग यादव का ही है। रिहा होकर जाते तो आपको भी बुलाकर दही, चूड़ा खिलाते।”
 
लालू बोले सजा के दिन हम एक शब्द नहीं बोले हैं सर। इसके अलावा ओपन जेल पर भी डिस्कस हुआ। लालू ने कहा कि हम वकील भी हैं लेकिन यह भूलकर आपने तीन की जगह साढ़े तीन वर्ष की सजा दे दी। न्यायाधीश ने कहा कि हमारे ऊपर भी लिमिट है। इसलिए हम न तीन किए न पांच, बीच का किये। लालू ने कहा कि अभी एक और भी तो है ना सर। न्यायाधीश ने कहा कि हमने लिमिट बनाया था। हम लिखे नहीं थे जजमेंट। मांइड में कटैगरी में रखे थे। लालू ने कहा कि हुजूर जेल में मिलने वाला आर्डर कर दीजिए। न्यायाधीश ने कहा कि सिविल कोर्ट में मिलने का आर्डर कर दें क्या?लालू ने कहा कि नहीं जेल में ही। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि जेल मैनुअल को देखना होगा। 
 
इसके अलावा लालू की पेशी चारा घोटाले के एक अन्य मामले आरसी 47 ए/96 में हुई। डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में सीबीआई की ओर से गवाही चल रही है। गवाह की अनुपस्थिति के कारण अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी।
 
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