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प्रवासी सांसद, अपने वर्तमान देश और पुरखों के देश के बीच जीवंत सेतु : राष्ट्रपति
By Deshwani | Publish Date: 10/1/2018 5:47:13 PMनई दिल्ली (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन के लिए आए प्रवासी सांसदों के लिए आयोजित पीआईओ कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत सरकार के लिए प्रवासी सांसदों या व्यापक भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ सहयोग कारोबारी संबंध के रूप में नहीं है। हम प्रवासी सांसदों को अपने वर्तमान और पुरखों के देश के जीवंत सेतु के रूप में देखते हैं। प्रवासी भारतीयों की प्रवास वाले देशों तथा पुरखों के देशों के बीच समझदारी बढ़ाने में अहम भूमिका है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी सांसदों के लिए अपने देश की प्राथमिकताओं को भारत के विकास से जोड़ना महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद-भारत द्वारा पीआईओ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री तथा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित प्रवासी सांसदों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय प्रवासी सभी देशों में ऊंचाइयों पर पहुंचे हैं। प्रवास में बसने वाले देशों और वहां के समाज की खुशहाली में योगदान दिया है। अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाया है और बौद्धिक संपदा और स्थानीय संस्कृति में योगदान दिया है। भारतीय प्रवासियों ने इटली, बोलिविया तथा तंजानिया जैसे देशों के खेतों में कड़ी मेहनत की है। सिलिकान वैली स्टार्ट-अप परिस्थितिकी प्रणाली में प्रवासी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। प्रवासी दुबई तथा खाड़ी क्षेत्र में अन्य प्रमुख व्यावसायिक शहरों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। प्रवासी भारतीयों के बिना न्यूयॉर्क लंदन और सिंगापुर के वैश्विक केंद्र वैसे नहीं रहते जैसे अभी हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक देश के रूप में हमें प्रवासी भारतीय भाईयों और बहनों के कार्यों पर गर्व है। उन्होंने पूरे विश्व में भारत और भारतीय लोगों की पहचान कायम की है। प्रवासी भारतीय, भारतीय संस्कृति के प्रति सच्चे रहे हैं और हजारों मील दूर रहते हुए भी अपनी जड़ों से जुड़े रहे हैं। विश्व बाजार में आज भारतीय खानपान और भारतीय फिल्में इसलिए हैं, क्योंकि प्रवासी भारतीय उन्हें दूर तक ले गए हैं।