राष्ट्रीय
वकालत कर रहे सांसदों-विधायकों से बार ने मांगा जवाब
By Deshwani | Publish Date: 10/1/2018 5:07:33 PMनई दिल्ली (हि.स.)। सांसदों और विधायकों को वकालत पर रोक लगाने की बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की मांग पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन सभी सांसदों और विधायकों को नोटिस जारी किया है जो वकालत भी कर रहे हैं। बार काउंसिल ने एक सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
अश्विनी उपाध्याय ने पिछले 18 दिसंबर को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और बार काउंसिल के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा को पत्र लिखकर सांसदों और विधायकों को वकालत करने पर रोक लगाने की मांग की थी। उपाध्याय ने अपने पत्र में कहा था कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के रुल 49 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अगर किसी भी व्यक्ति, फर्म, कंपनी या निगम से पूर्णकालिक सैलरी पा रहा हो या वह सरकारी कर्मचारी हो तो वह किसी भी कोर्ट में एक वकील के तौर पर प्रैक्टिस नहीं कर सकता है।
उपाध्याय ने अपने पत्र में डॉ. हंसराज एल चुलानी बनाम महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल के मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला भी दिया था। अश्विनी उपाध्याय ने पिछले अप्रैल माह में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि सांसदों-विधायकों को किसी भी दूसरे पेशे में प्रैक्टिस पर रोक लगाई जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि ये कोर्ट के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। वकील रह चुके नेताओं में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा दूसरी पार्टियों के भी नेता शामिल हैं।