रांची (हि.स.)। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की सेवा में अपराध का केस दर्ज करवा कर जेल पहुंचे सेवादारों का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। जैसे ही यह मामला सामने आया, वैसे ही रांची पुलिस हरकत में आ गई है। रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता को जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार यह पहला मामला है, जब पुलिस को बिना बताये आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया। इस बारे में जब जेल अधीक्षक अशोक चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। सूत्रों की मानें तो कारा महानिरीक्षक हर्ष मंगला ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि लालू प्रसाद के जेल पहुंचने से दो घंटे पहले ही उनकी सेवा के लिए उनका रसोइया लक्ष्मण कुमार और सेवक मदन यादव अपने खिलाफ केस दर्ज करवाकर जेल पहुंच गए। जेल जाने के लिए इन दोनों को ही इसलिए चुना गया, क्योंकि ये दोनों रांची के ही रहनेवाले हैं, और लालू के खास विश्वासपात्र हैं। यह कोई पहली बार नहीं है जब जेल में लालू की सेवा के लिए उनके सेवक पहुंचे हों। पिछली बार भी होटवार में जब लालू बंद हुए थे, तो मदन उनकी सेवा के लिए जेल पहुंच गया था।
23 दिसम्बर, 2017 को जब सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान लालू को जेल भेजने का अंदेशा बना, तो उनके चाहने वालों ने आनन-फानन में मदन और लक्ष्मण को जेल पहुंचा कर उनकी सेवा करने का रास्ता तैयार कर दिया। दोनों के खिलाफ लोअर बाजार थाने में सुमित यादव ने प्राथमिकी दर्ज करायी है। प्राथमिकी के अनुसार सुमित 23 को सुबह 8.15 बजे कांटाटोली के चौक के पास साकेत नगर हिनु निवासी मदन यादव से अपना बकाया पैसा मांगने लगा। इस दौरान मदन ने सुमित को गाली दी और मदन के साथ में लक्ष्मण कुमार भी था। दोनों ने सुमित को लात-घूसों से मारा और 10 हजार रुपये पॉकेट से छीन लिया था।