नई दिल्ली, (हि.स.)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पांच दिवसीय थाईलैंड-इंडोनेशिया-सिंगापुर- आसियान यात्रा सोमवार को पूरी हुई। अपनी इस यात्रा के दौरान स्वराज ने सिंगापुर में भारत-आसियान प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन में शिरकत की और आसियान देशों में रह रहे भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया। इससे पहले विदेश मंत्री स्वराज ने सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री तेओ ची हेन से मुलाकात की थी। सिंगापुर में नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें और आसियान देशों के पीआईओ प्रतिनिधिमंडलों के साथ चर्चाएं की।
सिंगापुर में भारत-आसियान प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के साथ दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। भारत अपने इस सदियों पुराने साथियों के साथ संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहता है। स्वराज ने कहा कि हमारी आपसी साझेदारी ही हमें पूरी दुनिया के सामने मजबूती से खड़ा करेगी। हमें अपने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करना होगा। विदेश मंत्री ने बताया कि अब सिंगापुर भारत के 16 शहरों से सीधे जुड़ गया है, जो भारत-सिंगापुर के बीच बेहतर होते संपर्क प्रयासों का नतीजा है। हमारी कोशिश है कि अब हम दूसरे दक्षिण एशियाई देशों से रेल, सड़क, जलमार्ग और वायुमार्ग, जो संभव हो, उससे और बेहतर तरीके से जुड़ें।
अपनी इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री ने आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों सहित कई महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात की और आसियान बैठक में हिस्सा लिया। सुषमा स्वराज ने आसियान के नए महासचिव लिम जॉक होई से भी मुलाकात की। स्वराज तीनों देशों में बसे भारतीय लोगों से भी मिलीं। सिंगापुर में सुषमा स्वराज आजाद हिंद फौज के पूर्व सेनानी पोंनंपलम और सोकलिंगम से मिलीं और उनका आशीर्वाद लिया।
जकार्ता में सुषमा स्वराज ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लिया। स्वराज ने आसियान इंडिया नेटवर्क की 5वीं राउंड टेबल का उद्घाटन किया। जिसमें इंडोनेशिया के वित्त मंत्री रेण्टो मार्सुडी, आसियान के सेक्रेटरी जनरल और आरआईएस के डीजी भी शामिल हुए थे। सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ आसियान क्षेत्र का सबसे बड़ा देश होने के नाते, इंडोनेशिया व्यापार और रणनीतिक मामलों सहित भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
इसी तरह अपनी यात्रा की शुरूआत करते हुए सुषमा स्वराज ने थाईलैंड के विदेश मंत्री डॉन प्रमुदुविय के साथ भारत-थाईलैंड द्विपक्षीय संबंधों को लेकर बैठक की थी। बैठक में थाईलैंड के साथ कनेक्टिविटी, सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हुई थी। अब साल 2018 में भारत-आसियान संबंधों के लिए थाईलैंड समन्वयक देश की भूमिका निभाएगा। थाईलैंड के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर विशेष रूप से राजनीतिक, रक्षा और आर्थिक संबंधों पर ध्यान देने और आसियान देशों के साथ भारत का संपर्क बढ़ाने पर चर्चा की गई।
इस तरह सुषमा स्वराज की नए साल 2018 में ये पहली आधिकारिक विदेश यात्रा रही, जिसमें मोदी सरकार की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' के तहत आसियान एवं दक्षिण और पूर्वी एशियाई देशों से भारत के संबंधों को एक नए आयाम पर ले जाने को लेकर प्रयासों में तेजी लाई गई। पांच दिवसीय इस आधिकारिक यात्रा के दौरान स्वराज थाईलैंड - इंडोनेशिया-सिंगापुर गई। जिसमें इन तीन देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने के अलावा आसियान में भारत की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना भी एक उद्देश्य रहा।