राष्ट्रीय
एफसीआई द्वारा वेबसाइट पर सूचनाएं अपलोड न करने पर संसदीय समिति ने जताई हैरानी
By Deshwani | Publish Date: 8/1/2018 7:39:54 PMनई दिल्ली (हि.स.)। संसद की एक समिति ने इस बात पर आश्चर्य जताया है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े उपक्रमों में एक होने के बावजूद डिजिटल इंडिया के युग में विभिन्न श्रेणी के पदों के रोस्टर औऱ स्थापना सूची को अपने आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करना जरूरी नहीं समझा है। समिति ने निगम के ऐसा न करने की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि यदि एफसीआई को अनुसूचित जाति, जनजाति (अजा, अजजा) के लिए आरक्षण के बारे में अपनी पारदर्शिता पर विश्वास है तो उपर्युक्त रोस्टर और स्थापना सूची को वेबसाइट पर अपलोड न किए जाने का कारण समिति की समझ से परे है।
अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के कल्याण संबंधी समिति ने उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय संबंधी अठारहवें प्रतिवेदन में भारतीय खाद्य निगम में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण और उनके नियोजन को लेकर संसद में प्रस्तुत रिपोर्ट में आश्चर्य जताते हुए कहा कि देश के सबसे बड़े उपक्रमों में शामिल एफसीआई जो कि युवाओं को लगातार रोजगार प्रदान करता रहा है, फिर भी उसने आधिकारिक वेबसाइट पर विभिन्न श्रेणी के पदों के रोस्टर और स्थापना सूची को अपलोड करना जरूरी नहीं समझा। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि रोस्टर और स्थापना सूचियां सभी कर्मचारियों के लिए सुलभ होनी चाहिए| इससे शिकायतें कम होंगी और पारदर्शिता आएगी।
इसके साथ ही समिति ने यह भी पाया कि वर्ष 2008-09 के बाद एफसीआई ने अजा,अजजा के लिए सभी आरक्षित पदों में भारी बैकलॉग को समाप्त करने के लिए काफी लंबे समय से कोई विशेष भर्ती अभियान नहीं चलाया है। इसलिए समिति ने यह सिफारिश की है कि एफसीआई तीन माह के भीतर एक विशेष भर्ती अभियान शुरु करे ताकि अजा,अजजा के रिक्त पदों को भरा जा सके और उन्हें एक के बाद एक वर्ष के लिए आगे न ले जाया जा सके। इसके साथ ही समिति ने इस बारे में हुई प्रगति के संदर्भ में मंत्रालय से अवगत कराने को कहा है।