राष्ट्रीय
दोषी पाए गए व्यक्ति द्वारा राजनीतिक दल गठित करने से रोकने की अर्जी पर केंद्र, निर्वाचन आयोग से मांगा जवाब
By Deshwani | Publish Date: 8/1/2018 5:36:27 PMनई दिल्ली (हि.स.)। कोर्ट द्वारा दोषी पाए गए व्यक्ति द्वारा राजनीतिक दल गठित करने से रोकने की मांग करनेवाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से चार हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला काफी महत्वपूर्ण है। मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर दोषी व्यक्तियों को राजनीतिक दलों में पदाधिकारी बनने से भी रोके जाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पहलू पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया ।
याचिका में दोषी व्यक्तियों को वोटर बनाने से रोकने और वोट देने से रोकने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग को किसी पार्टी को पंजीकृत करने या पंजीयन रद्द करने का अधिकार होना चाहिए। याचिका में पिछले 1 नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है जिसमें केंद्र को छह हफ्ते में राजनेताओं पर आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने का निर्देश दिया गया है।
याचिका में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के आंकड़े का हवाला दिया गया है जिसके मुताबिक 2014 में 1 हजार 581 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। याचिका में कहा गया है कि अपराधी किस्म के लोगों ने राजनीतिक दल बना लिए हैं और वे लोगों के अधिकारों का हनन करते हैं। याचिका में लालू प्रसाद, ओमप्रकाश चौटाला, शशिकला, सुरेश कलमाडी जैसे कई नेताओं के नाम का जिक्र किया गया है जिनके खिलाफ कोर्ट में गंभीर आरोपों से संबंधित मामले चल रहे हैं।