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ऐसा कोई सबूत नहीं जिससे साबित हो कि गांधी की हत्या गोडसे के अलावा किसी और ने की हो : एमिकस क्यूरी
By Deshwani | Publish Date: 8/1/2018 1:50:09 PM

नई दिल्ली (हि.स.)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच करने की मांग करनेवाले मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी अमरेंद्र शरण ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो ये बताए कि महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे के अलावा किसी और ने की हो। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा दी गई चार गोली की थ्योरी के पक्ष में कोई साक्ष्य नहीं है।

 
पिछली सुनवाई के दौरान महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच करने की मांग का महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने विरोध किया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एमिकस क्यूरी अमरेन्द्र शरण से इसके कानूनी पक्ष के बारे में पूछा था। सुनवाई के दौरान तुषार गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने इस मामले में पक्षकार बनाये जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि हत्या के 70 साल बाद इस मामले की जांच कैसे की जा सकती है। यह सामान्य आपराधिक कानून के उलट है।
 
सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अमरेंद्र शरण ने कहा था कि उन्हें कुछ और समय दिया जाए। उन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार से कुछ दस्तावेज मिले हैं। पिछले 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर आश्चर्य व्यक्त किया था। 
दरअसल मुंबई के पंकज फड़नीस ने याचिका दायर कर कहा है कि अमेरिका के पास काफी गोपनीय जानकारी थी। इसे छुपाया गया। महात्मा गांधी की हत्या में ज्यादा लोगों के शामिल होने की संभावना है इसलिए इसकी दोबारा जांच होनी चाहिए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इतने साल बाद गवाह और सबूत कहां से आएंगे। क्या इस केस में पर्याप्त सबूत हैं कि दोबारा जांच के आदेश दिए जा सकते हैं। क्या लिमिटेशन एक्ट के तहत इतने दिनों बाद इस मामले की दोबारा जांच की जा सकती है।
 
जस्टिस एसए बोब्डे और जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा था कि कोर्ट किसी संगठन को दोषी नहीं ठहरा सकती लेकिन क्या इससे जुड़ा कोई व्यक्ति अभी भी जिंदा है। फड़नीस ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में सुनवाई का मौका ही नहीं मिला क्योंकि जब अभियुक्तों को सजा दी गई उस समय सुप्रीम कोर्ट का अस्तित्व ही नहीं था। याचिकाकर्ता फड़नीस अभिनव भारत संगठन के आईटी कंसल्टेंट और ट्रस्टी हैं।
 
याचिका में कहा गया है कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे फोर्स 136 संगठन का हाथ था और सुप्रीम कोर्ट को मामले की छानबीन करनी चाहिए। ये मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि अगर इस साजिश से पर्दा उठेगा तो भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध ठीक हो जाएंगे।
 
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