नई दिल्ली, (हि.स.)। पत्रकारों की संस्था एडिटर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया ने एक अंग्रेजी अख़बार पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा आधार कार्ड से जुड़ी खबर छापने पर की गई एफआईआर की कड़ी निंदा करते हुए इसे प्रेस की आजादी पर हमला करार दिया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में तीन जनवरी को एक अंग्रेजी अख़बार ने आधार डेटा के बिकने की खबर छापी थी। खबर में ये दावा किया गया था कि 500 रुपये में आधार के डेटा को खरीदा जाता है। यूआईडीएआई ने इस खबर को खारिज करते हुए खबर लिखने वाले पत्रकार और अखबार के मालिक के ऊपर एफआईआर दर्ज करवाई गई है। इसी सिलसिले में एडिटर्स गिल्ड ने बयान जारी कर कहा, 'पत्रकर ने जनहित में खबर छापी है। संस्था को चाहिए कि वो एफआईआर करने की बजाय इसकी जांच कराए।'
एडिटर्स गिल्ड ने कहा, 'हम पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज किए जाने की निंदा करते हैं। जनता के हित के मुद्दे पर तहकीकात करने वाली पत्रकार के खिलाफ केस किया जाना सही नहीं है, ये प्रेस की आजादी पर हमला है। पत्रकार पर केस दर्ज करने की जगह यूआईडीएआई को पूरे मामले की जांच करनी चाहिए थी। हम सरकार से ये मांग करते हैं कि पत्रकार पर से केस वापस लिया जाए और पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच हो।'
वहीं इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने भी इसको प्रेस की आजादी पर हमला बताया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, सरकार ने स्वयं सर्वोच्च न्यायालय में आधार कार्ड के आंकड़े चोरी होना स्वीकार किया है। जो लोग आधार से संबंधित कमियां लेकर सामने आते हैं, सरकार उन्हें दूर नहीं करती बल्कि लोगों काे दंडित करने में लग जाती है।'
इसी मामले पर ब्रॉडकास्टर्स एडिटर्स एसोसिएशन (बीइए) के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह ने कहा कि अगर सरकार इसी तरह विरोध में मुकदमा दर्ज करती रही तो देश से पत्रकारिता समाप्त हो जाएगी।