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अगहे हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में कार्ति चिदंबरम केस समेत कई बड़े मामलों की होगी सुनवाई
By Deshwani | Publish Date: 7/1/2018 2:46:45 PM
अगहे हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में कार्ति चिदंबरम केस समेत कई बड़े मामलों की होगी सुनवाई

नई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम से जुड़े केस सहित कई बड़े मामलों की सुनवाई होगी। इनमें कार्ति प्रकरण के अलावा सिगरेट-गुटखा के पैकेट पर 85 फीसदी चेतावनी वाली तस्वीर लगाने को अनिवार्य करने, केरल के ताड़ी व्यापारियों की ताड़ी को शराब की श्रेणी से बाहर करने, जेपी समूह के खिलाफ फ्लैटधारकों की याचिका, प्रद्युम्न हत्याकांड के बाद स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के मामले, बिल्किस बानो गैंगरेप और लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने से संबंधित केस शामिल हैं।

कार्ति चिदंबरम ने 04 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर 10 से 20 जनवरी तक विदेश जाने की अनुमति मांगी है। 20 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति को 2 से 11 दिसम्बर के बीच ब्रिटेन जाने की अनुमति दी थी। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कार्ति के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया डील में फॉरेन इन्वेस्टमेंट बोर्ड द्वारा की गई गड़बड़ियों की जांच लंबित है।

सीबीआई ने कार्ति के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया था, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने पिछले साल 10 अगस्त को उस पर स्टे लगा दिया। सीबीआई का कहना है कि उसने इस मामले में दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई थी और दिल्ली से ही सर्च वारंट जारी हुए थे, इसलिए यह मद्रास हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।

सिगरेट व गुटखा के पैकेट पर 85 फीसदी चेतावनी वाली तस्वीर लगाने को अनिवार्य करने के सरकार के फैसले पर रोक लगाने के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि इस मामले का आदेश वेबसाइट पर अपलोड करें।
 
हाईकोर्ट ने 2014 के नियमों में संशोधन को खारिज करते हुए इसे संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ बताया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि 40 फीसदी चेतावनी वाली तस्वीर लगाने का पुराना नियम जारी रहेगा। दरअसल तंबाकू उद्योगों की 85 फीसदी चेतावनी वाली तस्वीर लगाने के खिलाफ विभिन्न हाईकोर्टों में दायर याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था।
 
ताड़ी शराब की श्रेणी में आता है कि नहीं, इस पर फैसला करने के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह सुनवाई कर सकता है। केरल के टाड़ी शॉप लाइसेंसेज एसोसिएशन ने याचिका दायर कर ताड़ी को शराब की श्रेणी में शामिल करने के केरल सरकार के फैसले को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक नेशनल हाइवे से पांच सौ मीटर की दूरी पर शराब की दुकानें बैन कर दी गई हैं। क्या इस बैन में ताड़ी की दुकानें भी शामिल हैं। इस फैसले से ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लाखों लोगों का रोजगार छिन जाने का खतरा है, जबकि ताड़ी में शराब की तरह अल्कोहल नहीं पाया जाता है। 
 
जेपी समूह के खिलाफ फ्लैट धारकों की याचिका पर अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है। पिछले 15 दिसम्बर को जेपी समूह ने सुप्रीम कोर्ट में 150 करोड़ रुपये जमा किए थे। साथ ही मांग की थी कि 125 करोड़ रुपये और जमा करने के लिए एक महीने का समय दिया जाए। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 125 करोड़ रुरपये 25 जनवरी तक जमा करने के निर्देश दिए। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह के निदेशकों व उनके रिश्तेदारों को बिना कोर्ट की अनुमति के अपनी व्यक्तिगत संपत्ति बेचने से मना कर दिया था। 
 
सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते बिल्किस बानो गैंगरेप मामले पर सुनवाई कर सकता है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गुजरात सरकार से दोषी अफसरों के विभागीय जांच संबंधी स्टेटस रिपोर्ट तलब किया था। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से पूछा था कि हाईकोर्ट ने जिन अधिकारियों को दोषी ठहराया था, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है कि नहीं? उन्हें सेवा में नहीं रखा जा सकता है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुजरात के पुलिसकर्मी रामसिंह भगोरा, चार अन्य पुलिस अधिकारियों और दो डॉक्टरों को दोषी पाया था। 
 
गुरुग्राम के रेयान स्कूल में छात्र प्रद्युम्न की हत्या के बाद देशभर के स्कूलों में छात्रों की सुऱक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी करने के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई कर सकता है। कोर्ट रेयान स्कूल के मालिकों को मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर चुका है। सीबीएसई ने हलफनामा दायर कर कहा था कि प्रद्युम्न मामले में रेयान स्कूल ने अपनी ओर से एफआईआर दाखिल नहीं की थी। रेयान स्कूल में सीसीटीवी कैमरे या तो लगे नहीं थे और थे तो काम नहीं कर रहे थे। स्टाफ के लिए अलग टॉयलेट्स नहीं थे। विशेष जरूरुरत वाले छात्रों के लिए रैंप नहीं थे।
 
वहीं, बीसीसीआई द्वारा लोढ़ा कमेटी की अनुशंसाओं को लागू करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई कर सकता है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने बीसीसीआई को अपने संविधान का मसौदा पेश करने को कहा था। कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को रणजी में अपनी टीम भेजने की अनुमति दी थी।
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