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विश्व में जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक भारत प्रभावित : सुनीता नारायण
By Deshwani | Publish Date: 6/1/2018 6:21:24 PM
विश्व में जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक भारत प्रभावित : सुनीता नारायण

नई दिल्ली (हि.स.)। पर्यावरणविद सुनीता नारायण ने जलवायु परिवर्तन को वर्तमान और भविष्य का सबसे बड़ा सवाल करार देते हुए कहा कि विश्व में जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक भारत ही प्रभावित है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की हवा इस कदर प्रदूषित हो गई है कि सांस नहीं ले पा रहे हैं| हर सांस में जहर घुला है। 

सुनीता नारायण ने यह बात शनिवार को प्रगति मैदान में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) और भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (आईटीपीओ) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 26वें विश्व पुस्तक मेले में बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए कही। उन्होंने पुस्तक मेले की थीम 'पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन' रखने पर आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि यह सवाल सबका सवाल बनना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि किताबें हमारी मित्र होती हैं, किताबें दिशा दिखाती हैं कि हम किस दिशा में आगे बढ़ें और वो दिशा जो दिखाने की जरूरत है वो आज इन किताबों से हमें मिलेगी। हमारी समझ बढ़ेगी तो जागृति बढ़ेगी। हमें ये पता चलेगा कि आगे आने वाले कल में हमें क्या करने की जरूरत है। 
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की जब बात आती है तो आज कुछ कहने की भी जरूरत नहीं होती। हम जानते हैं कि आज दिल्ली की हवा इतनी जहरीली बन गई है कि हर सांस में हम जहर ले रहे हैं। हम ये भी जानते हैं कि जहां जलवायु परिवर्तन का सवाल आता है तो इसके बारे में विश्व में बहुत चर्चा होती है और ये भी कहा जाता है कि भारत जैसे देश के अंदर जलवायु परिवर्तन की आज समझ नहीं है। मैं इस तर्क से बिल्कुल सहमत नहीं हूं क्योंकि यदि आज आप देखें तो जलवायु परिवर्तन का जो प्रभाव पड़ रहा है वह सबसे ज्यादा भारत जैसे देश में पड़ रहा है।
सुनीता ने कहा कि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन का जो सवाल है वो हमारे लिए बहुत जरूरी है और हम अब समझते हैं कि यह आज का सबसे बड़ा सवाल है और हमारे कल के लिए भी सबसे बड़ा सवाल है। इसीलिए यह आयोजन अपने आप में एक अहम और बेहद जरूरी कदम है। उन्होंने कहा कि हमें विकास चाहिए और हमारी जरूरतें भी हैं लेकिन पर्यावरण का विनाश होगा तो वो विकास कैसा होगा। आज आप ये समझ लीजिए कि हमारे शहर के अंदर ये हालत है कि हम सांस नहीं ले पा रहे हैं। हर सांस में जहर है तो वो किस तरह का विकास है मगर इसका समाधान भी है| हम जानते हैं कि शहरीकरण या औद्योगिकीकरण हो उसमें जो प्रदूषण होगा उसको किस तरह से नियंत्रित कर सकते हैं। 
उन्होंने शहरों में वाहनों को अधिक तरजीह दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि गाड़ियों से हमारा शहर नहीं बनेगा| हमारा शहर तब बनेगा जब हम हर आदमी व औरत को ये हक देंगे कि वह सड़कों पर चल सके। वह साइकिल का इस्तेमाल कर सके, तभी हवा स्वच्छ होगी। 
 
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