राष्ट्रीय
मुंबई की आदर्श सोसायटी के तीन खातों को डिफ्रीज करने का आदेश
By Deshwani | Publish Date: 5/1/2018 3:30:50 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के तीन खातों को डिफ्रीज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आदर्श सोसाायटी को अचल संपत्ति के मुचलके पर 1.68 करोड़ रुपये निकालने की भी अनुमति दे दी है।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आदर्श सोसायटी की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि खातों में जो रकम है वो बेनामी लेन-देन का पैसा है जो फ्लैट खरीदने के लिए था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की दलील ये कहते हुए अस्वीकार कर दी कि खातों को डिफ्रीज करने से जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
आदर्श सोसायटी की खातों को डिफ्रीज करने की याचिका बांबे हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका था। कोर्ट ने कहा था कि आदर्श सोसायटी एक नया बैंक अकाउंट खोल ले। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सोसायटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली बेंच ने आदर्श सोसायटी से पूछा था कि अगर कोर्ट सोसायटी की इमारत को गिराने का आदेश देता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। सोसायटी की ओर से वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा था कि इस घोटाले में सीबीआई ने 12 सदस्यों को आरोपी बनाया है जबकि सोसायटी के 103 सदस्य हैं। सीबीआई ने 2010 में सोसायटी के तीन बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। इनकी वजह से सोसायटी की देखरेख का काम प्रभावित हो रहा है।
आदर्श सोसायटी का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सोसायटी ने बांबे हाईकोर्ट के 29 अप्रैल 2016 के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें केंद्र सरकार को इस इमारत को गिराने का आदेश दिया गया था।