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मप्र सरकार ने की गौवंश संरक्षण कानून में चौथे बदलाव की तैयारी
By Deshwani | Publish Date: 4/1/2018 3:52:36 PM
मप्र सरकार ने की गौवंश संरक्षण कानून में चौथे बदलाव की तैयारी

भोपाल,  (हि.स.)। मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही उन लोगों पर कार्रवाई कर सख्त से सख्त सजा देने की तैयारी कर रही है, जो अपनी गायों को सड़क पर लावारिस छोड़ देते हैं। इसके लिए सरकार ने कानून लाने का मन बना लिया है। जहां सरकार इसे गौ सेवा का प्रयास मान रही है, वहीं विपक्ष इसे चुनावी रण में हिंदुत्व का एजेंडा करार दे रहा है।
मसौदा तैयार कर कानून मंत्रालय को भेजा
बताया जा रहा है कि इसके तहत अधिकारियों ने कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे कानून मंत्रालय को भेजा गया है। मसौदे में लिखा गया है कि जिला प्रशासन को अधिकार होगा कि वो पुलिस से इस बारे में शिकायत कर सकें। कानून मंत्रालय को भेजे गए इस मसौदे में वो सुझाव दें कि आईपीसी की कौन-सी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इसके लिए मध्य प्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 में बदलाव प्रस्तावित है। नये कानून का नाम गौवंश संरक्षण एवं वध प्रतिषेध अधिनियम होगा।
मामले में कानून मंत्री रामपाल सिंह का बयान आया है, जिसके मुताबिक इस बात को गंभीरता से लिया जा रहा है। गायों की सेवा के लिए सरकार ने कानून बनाया है, लेकिन पशुपालक भी इसकी चिंता करें, जिसके लिए विभागीय मंत्री से चर्चा की जा रही है। हिंदुत्व को बढ़ावा देने के एजेंडा के मामले में सिंह ने कहा है कि गौमाता की सेवा पूरे देश-दुनिया का एजेंडा है। हालांकि विपक्षी कांग्रेस सरकार के इस प्रयास को चुनाव से पहले ये भगवा एजेंडे को लागू करने की साजिश का नाम दे रही है। 
इस कानून में अब तक का चौथा बदलाव
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में बने गौवंश संरक्षण के इस कानून में यदि यह बदलाव हुआ तो यह अब तक का चौथा बदलाव होगा। कुछ ही महीनों पहले गौवध पर सजा की अवधि बढ़ाई गई थी। अब गौवंश को लावारिस छोड़ना भी जुर्म होगा।
प्रतिपक्ष ने कहा, अव्यावहारिक है ये प्रयास
मामले में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि इस तरह का कानून प्रदेश में लाने का मतलब किसानों को डराना और धमकाना है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह प्रयास किसी भी रूप में व्यावहारिक नहीं है।
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