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रेलवे ने आरडीएसओ की पंजीकरण प्रक्रिया को 365 दिन के लिए खोला
By Deshwani | Publish Date: 4/1/2018 1:45:40 PM
रेलवे ने आरडीएसओ की पंजीकरण प्रक्रिया को 365 दिन के लिए खोला

नई दिल्ली, (हि.स.)। रेल मंत्रालय ने अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) की पंजीकरण प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है। आरडीएसओ के अधीन आने वाली विभिन्न छह सौ आइटमों के पंजीकरण की प्रक्रिया अब सीमित अवधि के बजाए साल के 365 दिन के लिए खोल दी गई है। अब इसमें देश के छोटे और मझोले उद्योगों से जुड़े विक्रेताओं के साथ-साथ विदेश के भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। 

 

रेल मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार रेल मंत्रालय के अधीन कार्यरत आरडीएसओ का फोकस नए वेंडर मंजूर करने और उसकी प्रक्रिया की जटिलताओं को दूर करने पर है। इसके लिए हमने आरडीएसओ की मंजूरी प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन किया है। आरडीएसओ के पांच सौ से छह सौ आइटम हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए पहले हम पंजीकरण की प्रक्रिया को सीमित अवधि के लिए खोलते थे लेकिन अब 365 दिन प्रत्येक आइटम के लिए छूट है कोई भी नई पार्टी आना चाहे वह अपना आवेदन कर सकती है। यह देश या विदेश कहीं से भी हो सकती है।

 

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक संख्या में नए वेंडर रेलवे के साथ जुड़ें| इसलिए आरडीएसओ को पूरे साल खुला रखने का कदम उठाया गया है। साथ ही प्रत्येक आइटम के सामने समय-सीमा दे दी गई। हालांकि इसका भी अध्ययन किया जा रहा है कि क्या इस सीमा को भी घटाया जा सकता है। इसको बेवबसाइट पर भी डाल दिया गया है इस पर आइटम और कितने समय में मंजूर होगा। गोयल ने कहा कि मंजूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाते हुए जितनी लंबित आवेदन थे वह भी वेबसाइट पर पार्टी के नाम सहित। इसके अलावा वह अभी तक क्यों मंजूर नहीं हुआ उसकी वजह भी बताई गई है। पब्लिक डोमेन में डाल दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और मंजूरी प्रक्रिया में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि नए वेंडर आने से मेक इन इंडिया को भी मजबूती मिलेगी और साथ ही साथ छोटे-लघु व मध्यमवर्ग उद्योग को भी रेलवे में सप्लाई करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि जितनी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तो अच्छी क्वालिटी सही दाम पर रेलवे को मिलनी शुरू हो जाएगी। 

 

उल्लेखनीय है कि आरडीएसओ को विभिन्न निदेशालयों में बांटा गया है इसमें पुल एवं संरचना, सवारी डिब्बा, रक्षा अनुसंधान, अनुसंधान, विद्युत लोको, ईएमयू एवं विद्युत आपूर्ति, इंजन विकास, वित्त तथा लेखा, भू. तकनीकी इंजीनियरिंग, गुणवत्ता आश्वासन, धातु एवं रसायन, मनोतकनीकी, सिग्नल, दूरसंचार, रेलपथ परीक्षण, रेलपथ मशीन एवं मानीटरिंग, कर्षण संस्थापन, यातायात, माल डिब्बा, चालन शक्ति रक्षा अनुसंधान के अतिरिक्त आरडीएसओ के सभी निदेशालय लखनऊ में स्थित है। रेलवे उत्पादन इकाइयों तथा उद्योगों के लिए जो संपर्क, निरीक्षण तथा विकास कार्यों को देखने के लिए बंगलौर, भरतपुर, भोपाल, मुम्बई, बर्नपुर, कोलकाता, चितरंजन कपूरथला, झांसी चेन्नई, साहिबाबाद, भिलाई एवं नई दिल्ली में स्थित है।

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