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संविधान की धारा 25 में संशोधन करवाने की ओर अकाली तत्पर
By Deshwani | Publish Date: 3/1/2018 3:25:10 PM
संविधान की धारा 25 में संशोधन करवाने की ओर अकाली तत्पर

नई दिल्ली, (हि.स.)। भारतीय संविधान में सिख धर्म को अलग धर्म के तौर पर दर्ज करवाने की दिशा में शिरोमणी अकाली दल एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली तथा केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ इस मसले पर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दल के प्रधान महासचिव तथा राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा ने किया। प्रतिनिधिमंडल में सांसद प्रेम सिंह चन्दुमाजरा, बलविंदर सिंह भूंदड, दिल्ली कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. तथा पूर्व राज्यसभा सदस्य त्रिलोचन सिंह शामिल थे।
मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए जी.के. तथा त्रिलोचन सिंह ने संविधान की धारा 25 के खंड 2बी में संशोधन करने की वकालत की। जी.के. ने कहा कि देश का संविधान हमें सिख नहीं मानता| इसलिए अकाली दल पिछले लंबे समय से संविधान में संशोधन कराने की लड़ाई लड़ रहा है। 
1950 के दशक दौरान संविधान सभा में मौजूद अकाली दल के दोनों प्रतिनिधियों भूपिन्दर सिंह मान तथा हुक्म सिंह ने इसी कारण ही संविधान के मसौदे पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद 1990 के दशक दौरान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिहं बादल तथा शिरोमणी कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गुरचरण सिंह टोहड़ा भी दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान संविधान की प्रति को जला चुके हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल दौरान संविधान संशोधन की संभावना तलाशने के लिए भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एम.एन. वैंकटचलैया के नेतृत्व में राष्ट्रीय संविधान विशलेषण आयोग बनाने की जानकारी देते हुए जी.के. ने बताया कि आयोग ने इस मसले पर संविधान की संशोधन की सिखों की मांग का समर्थन किया था। राज्यसभा में त्रिलोचन सिंह द्वारा इस मसले पर पेश किए गए निजी विधेयक के बाद अकाली दल के खडूर साहिब से लोकसभा सदस्य रतन सिंह अजनाला को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने 23 अगस्त 2013 को संविधान संशोधन के लिए निजी विधेयक पेश करने की मंजूरी दी थी। 
जी.के. ने कहा कि संविधान में संशोधन करवाने की लड़ाई अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व तथा दिशा-निर्देशों के तहत लड़ी जा रही है। जरूरत पड़ने पर इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी से भी मुलाकात की जा सकती है। संसद के अंदर एवं बाहर दोनों स्थानों पर लड़ाई लड़ने के लिए हम तैयार हैं। मंत्रियों के साथ हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए जी.के. ने बताया कि सरकार द्वारा इस मसले पर सकारात्मक रुख दिखाया गया है। इसलिए कोई कठिनाई पैदा होने की संभावना हमें नजर नहीं आती।
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