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चारा घोटाला मामले में लालू समेत 16 आरोपियों की सजा पर टिकीं सबकी निगाहें
By Deshwani | Publish Date: 2/1/2018 8:07:58 PM
चारा घोटाला मामले में लालू समेत 16 आरोपियों की सजा पर टिकीं सबकी निगाहें

 पटना, (हि.स.)। बिहार में 1990 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद से सियासी राजनीति की धुरी बने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को चारा घोटाले के दूसरे मामले में कितनी सजा मिलेगी? इस सवाल को लेकर अब सभी की निगाहें रांची की सीबीआई की शिवपाल सिंह की विशेष अदालत पर टिकी हैं। 

बुधवार को अदालत देवघर कोषागार से 84.54 लाख रुपये की अवैध निकासी संंबंधी सीबीआई के आरसी 64ए 96 मामले में 16 दोषी आरोपियों को सजा सुनायेगी। 21 साल के बाद सीबीआई की अदालत द्वारा 23 दिसम्बर को दोषी ठहराये गये लालू सहित सभी आरोपियों को रांची केन्द्रीय कारागार भेज दिया गया था। लालू चारा घोटाला मामले में सातवीं बार जेल गये हैं। उसी दिन 3 जनवरी को सजा के बिन्दु तय किये जाने की तिथि तय की गयी थी। 
 
लालू की सजा अवधि से प्रदेश की राजनीति भी प्रभावित होगी। इसके कारण प्रदेश की सियासी राजनीति के लिए कल ​का दिन महत्वपूर्ण बन गया है। बिहार में दो माह के अंदर लोकसभा की एक और विधानसभा की दो सीटों के लिए उपचुनाव अवश्यंभावी हैं। अगले वर्ष लोकसभा के चुनाव होने है। लंबी अवधि तक लालू के जेल में रहने पर राजद के कुनबे को संभाल कर रखना बड़ी चुनौती होगी। पिछली बार लालू जब जेल मेें रहे तब बिहार और झारखंड में राजद सत्तासीन था। इस बार दोनों प्रदेशों में राजग सत्तासीन है।
लालू के खिलाफ चारा घोटाले में छह केस हैं। इनमें से एक आरसी—20 चाईबासा ट्रेजरी से 37.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू को पांच साल की सजा और 25 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी। इसी मामले में डा.जगन्नाथ मिश्र को चार साल की जेल और दो लाख रुपये जुर्माना की सजा हुई थी। नये मामले में लालू को दोषी और जगन्नाथ मिश्र को रिहाई का आदेश हुआ है। पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट द्वारा निचली अदालतों में चारा घोटाला से संबंधित मामलों का नौ माह के अंदर सुनवाई पूरी कर निष्पादित करने के निर्देश के बाद 8 मई से तेजी से सुनवाई चली। 
 
कानूनी जानकारों का मानना है कि मामले की सुनवाई कर रही अदालत आरोपियों को उनसे संं​बंधित साक्ष्यों के आधार पर अलग—अलग सजा तय कर सकती है। ​संं​बंधित मामले में अधिकतम सात वर्षों तक की सजा हो सकती है। तीन साल तक की सजा होने पर हाईकोर्ट सजा पर रोक लगा सकता है । 
 
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी लगातार कह रही हैं कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा है। वह यह कहने से भी नहीं चूक रहीं कि लालू चारा घोटाला मामले में साजिश के तहत फंसाये गये हैं। लालू के खिलाफ चारा घोटाला से संबंधित अभी और तीन मामले सीबीआई की निचली अदालतों में विचाराधीन हैं। इनमें एक मामले में इसी माह फैसला होने के आसार हैं। एक मामला पटना की सीबीआई अदालत में भी विचाराधीन हैं। इसी के परिणामस्वरुप एक मामले में कल सजा की घोषणा होगी। 
 
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