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वैश्विक स्तर पर फैले भारतीय कृषि उत्पादों का व्यापारः राधा मोहन
By Deshwani | Publish Date: 30/12/2017 3:30:56 PM
वैश्विक स्तर पर फैले भारतीय कृषि उत्पादों का व्यापारः राधा मोहन

नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि पिछले कुछ दशकों के दौरान खाद्यान्न के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर हो गया है| भारत चावल, फलों और सब्जियों सहित अनेक कृषिगत जिंसों के प्रमुख अग्रणी निर्यातक के रूप में उभरा है। हम चाहते हैं कि विभिन्न देशों के साथ इन उत्पादों का व्यापार और बढ़े| इसके लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है।

भारत चैंबर ऑफ कामर्स की बैठक को संबोधित करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि जब हम वर्ष 2022 में स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे होंगे तब हमारे किसानों की आय दोगुनी होनी चाहिए। इस दिशा में सरकार ने विशेष पहल की है। वर्ष 2021-22 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हमने संबंधित चुनौतियों और समस्याओं का जायजा लेने के उद्देश्य से एक समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि से संबंधित सभी क्षेत्रों जैसे सिंचाई, गुणवत्ता युक्त बीजों, वेयर हाउसिंग, शीत भंडार गृहों और खाद्य प्रसंस्‍करण में बड़े पैमाने पर निवेश पर कार्य कर रहे हैं। हम बीज, जल, उर्वरकों और मृदा स्वास्थ्य हेतु कार्यक्रमों पर कार्य कर रहे हैं। बागवानी और मधुमक्खी पालन में किसानों की आय को बढ़ाने की बहुत अधिक संभावना है। 

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने जैविक खेती का जिक्र करते हुए कहा कि इसको बढ़ावा देना है जिससे मृदा स्वास्थ्य में सुधार होता है| परिणाम स्वरुप बेहतर गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त होती है। वर्ष 2015-16 से 20 हेक्टेयर की क्लस्टर आधार पर एक नई स्कीम ‘परंपरागत कृषि विकास योजना’ की शुरुआत की जा रही है। प्रत्येक किसान को तीन वर्ष की अवधि में 50 हज़ार रुपए प्रति हेक्टेयर प्राप्त हो रहे हैं। इस योजना में अब तक 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र जैविक खेती में परिवर्तित हो चुका है| अब पूरे भारत में 22.5 लाख हेक्टेयर में जैविक खेती हो रही है। 

सिंह ने कहा कि वर्तमान कृषि विपणन प्रणाली में सामने आ रही चुनौतियों का ठोस ढंग से समाधान करने के लिए सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। इसके तहत वर्ष 2016 में राष्ट्रीय कृषि बाजार की शुरूआत की। इससे किसानों की पहुंच नजदीकी एपीएमसी से बाहर स्थिरत मंडियों तक होगी जिससे बेहतर मूल्य प्राप्त होंगे व लेने-देन में पारदर्शिता आएगी। अब तक 14 राज्यों के 470 बाजारों का जोड़ा गया है| मार्च, 2018 तक 585 बाजारों को जोड़ने का लक्ष्य है। अभी तक इस प्लेटफार्म पर 68.9 लाख किसानों व एक लाख व्यापारियों का पंजीकरण किया गया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरूआत की गई है| इसमें प्रति बूंद अधिक फसल के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सुनिश्चित सिंचाई के स्रोत सृजित करने व जल उत्पादकता में सुधार करने पर मुख्य ध्यान दिया गया है। कृषि मंत्री ने सरकार द्वारा उठाए गए तमाम कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र कृषि एवं किसानों की स्थिति को सुधारने और उसे नया मुकाम देने के लिए कटिबद्ध है और इस दिशा में आगे बढ़ रही है। 

 
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