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राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक बनाएगा स्वास्थ्य क्षेत्र को अधिक पारदर्शी
By Deshwani | Publish Date: 29/12/2017 6:57:03 PM
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक बनाएगा स्वास्थ्य क्षेत्र को अधिक पारदर्शी

 नई दिल्ली, (हि.स.)। देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को बेहतर और पारदर्शी बनाने के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने लोकसभा में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक, 2017 लोकसभा में पेश किया गया। इसके तहत राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, चार स्वायत्त बोर्ड और आयुर्विज्ञान सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा। 

मामले में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थाई समिति ने 92वीं रिपोर्ट में भारत में मेडिकल शिक्षा और मेडिकल व्यवसाय और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की संरचना में बदलाव की सिफारिश की थी। मेडिकल शिक्षा और व्यवसाय को नियमित करने के लिए समिति ने विशेषज्ञ समूह की सिफारिश पर नियमन से जुड़े कार्य विभाजन और नियामक का चुनाव करने की बजाए चयन किए जाने की सिफारिश की थी। 
 
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2017 के प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग का गठन किया जाएगा। यह आयोग देश में मेडिकल शिक्षा, व्यवसाय और शिक्षा संस्थानों के नियमन और विकास की देख-रेख करेगा। इसके अलावा आयोग को विभिन्न विषयों पर सिफारिश करने के लिए एक आयुर्विज्ञान सलाहकार परिषद का गठन होगा। 
 
चार स्वायत्त बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह बोर्ड क्रमश : अंडर ग्रेजुएट शिक्षा, पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा, मेडिकल आंकलन और रेटिंग, मेडिकल नैतिकता और चिकित्सा पंजीकरण से जुड़े विषयों को नियमित करेगी। 
 
विधेयक के प्रावधानों के तहत देश व देश के बाहर के चिकित्सा संस्थानों और संवैधानिक एवं अन्य निकायों द्वारा दी गई योग्यता को मान्यता प्रदान की जाएगी। वहीं स्नातक पूर्व आयुर्विज्ञान शिक्षा में प्रवेश के लिए सामान्य पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा और स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान शिक्षा में प्रवेश के लिए व राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर में नामांकन के लिए राष्ट्रीय अनुज्ञाप्तिधारक परीक्षा आयोजित की जाएगी। 
 
होम्योपैथी, भारतीय चिकित्सा पद्धति और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए आयोग, केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद और भारतीय आयुर्विज्ञान केन्द्रीय परिषद की संयुक्त बैठकें करेगा। विधेयक में भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम, 1956 को निरस्त करने और भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद को समाप्त करने से जुड़े प्रावधान हैं। 
 
 
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