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राजस्थान में चिकित्सकों की हड़ताल समाप्त, मांगों पर सरकार की ना के बाद हां
By Deshwani | Publish Date: 28/12/2017 10:00:22 AM
राजस्थान में चिकित्सकों की हड़ताल समाप्त, मांगों पर सरकार की ना के बाद हां

जयपुर, (हि.स.)। प्रदेश के चिकित्सकों का हड़ताली हठयोग आखिरकार बुधवार को 12वें दिन समाप्त हो गया। मरीजों को भारी परेशानियां पहुंचाने और कई जिंदगियां लीलने के बाद समाप्त हुई हड़ताल में मरीजों ने बहुत कुछ खोया है। लेकिन अब गुरुवार से चिकित्सकों के काम पर लौटने से सबसे ज्यादा खुशी और राहत मरीजों को ही मिलेगी। सरकार की इतने दिनों से जारी ना-नुकर आखिरकार हां में बदलती नजर आई। चिकित्सक भी खुश नजर आए। दोनों पक्षों ने एक -दूसरे को मिठाई खिलाकर, गिले-शिकवें भुलाकर हड़ताल समाप्त करने का ऐलान किया। 

इस दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद चिकित्सकों और सरकार के बीच वार्ता का सेतू बनाने में परिवहन मंत्री यूनुस खान और सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने दो दिन तक अथक प्रयास किया। दोनों मंत्रियों की मेहनत रंग लाई। अपने ही विभाग के मंत्री कालीचरण सराफ से नाराज चिकित्सक बार-बार वार्ता के प्रस्ताव से पीछे हटते रहे। अंतिम समय तक परिवहन मंत्री की कोशिश के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी की मौजूदगी में चली मैराथन बैठक में बुधवार रात आठ बजे बाद बने समझौता पत्र में सभी मांगों पर दोनों पक्षों की सहमति बनने के बाद हड़ताल तोडऩे की घोषणा हुई। चिकित्सकों और चिकित्सा मंत्री के बीच सबसे ज्यादा गतिरोध हड़ताली चिकित्सकों के मुकदमे और सामूहिक अवकाश पर हुआ। जिस पर काफी देर बाद प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के हस्ताक्षेप के बाद आम सहमति बनी। इसके साथ अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर में चिकित्सकों के हड़ताल के सामूहिक अवकाश को उपार्जित अवकाश में बदला जाने पर आम सहमति बनी। वहीं रेसमा एक्ट के तहत 16 दिसम्बर के बाद दायरे मुकदमों को सरकार ने वापस लेने में अपनी सहमति दिखाई। इसके साथ ही इस दौरान जो भी कार्रवाई हुई उसको स्थगित किया जाएगा। हड़ताल की मुख्य वजह चिकित्सक नेताओं के तबादला बने थे जिसमें सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष अजय चौधरी का करौली में स्थानांतरण किया गया था। वार्ता के बाद डॉ. अजय चौधरी का करौली हुआ तबादला तुरंत प्रभाव से निरस्त कर उन्हें सीएमएचओ सीकर लगाया गया। इसके साथ पूर्व में हुए समझौतों को यथास्थिति लागू करने पर सहमति बनी। इसके साथ उपनिदेशक राजपत्रित की जगह डाॅक्टर की नियुक्ति की जाएगी। इससे पहले सरकार आरएएस को हटा चुकी है। समझौते में निर्णय लिया गया कि डीएसीपी संबंधी आदेश विरोधाभास पाए जाने की स्थिति में इसका परीक्षण केबीनेट सब कमेटी में होगा। 

सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष अजय चौधरी ने कहा कि सभी मांगे पर सकारात्मक सहमति और क्रियान्वित होने पर आम सहमति बनी है। इसके साथ चिकित्सकों की डयूटी एकल पारी में करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री स्तर पर छोडऩे पर निर्णय लिया गया। रेजीडेंट की सभी मांगे मान ली गई है।

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