नई दिल्ली, (हि.स.)। रेल यात्रियों के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए संवेदनशील रेल मार्गों पर सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) प्रतिदिन औसतन 4700 रेलगाड़ियों को सुरक्षा मुहैया कराते हैं। इसके अलावा रेल परिसरों और रेलगाड़ियों की निगरानी के लिए रेलवे सीसीटीवी निगरानी के साथ ही सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करता है।
यह जानकारी राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने दी। उन्होंने बताया कि भारतीय रेल में कानून और सुरक्षा व्यवस्था राज्यों का विषय है। अपराध की रोकथाम, मामलों का पंजीकरण, उनकी जांच और रेल परिसर व चलती रेलगाड़ियों में कानून और व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकारों की सांविधिक जिम्मेदारी है, जिसे वह सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) और जिला पुलिस की मदद से संभालते हैं। यद्यपि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जीआरपी को महज सहयोग प्रदान करती है।
राजेश गोहेन ने रेलवे द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के विषय में बताया कि संवेदनशील और चिह्नित रेल मार्गों व खंडों पर प्रतिदिन औसतन 2500 रेलगाड़ियों को आरपीएफ द्वारा एस्कॉर्ट किया जाता है। इसके अलावा विभिन्न राज्यों के सरकारी रेलवे पुलिस द्वारा रोजाना 2200 ट्रेनों को सुरक्षा महैया कराई जाती है। रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 394 स्टेशनों की सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जाती है। संकट के समय यात्रियों की सहायता के लिए रेलवे का हेल्पलाइन नंबर 182 चालू किया गया है। 202 संवेदनशील रेलवे स्टेशनों पर निगरानी व्यवस्था को बेहतर बनाने को मंजूरी दे दी गई है।
मेट्रोपॉलिटन शहरों में चलने वाली महिला विशेष रेलगाड़ियों को महिला आरपीएफ द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाती है। लम्बी दूरी की रेलगाड़ियों में यात्रा के दौरान और रास्ते में स्टेशनों पर ठहराव के दौरान महिला कोचों की सुरक्षा के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेन एस्कॉर्टिंग स्टाफ द्वारा ट्रेनों में औचक जांच की जाती है।
यात्रियों को चोरी, छपटमारी आदि के प्रति सर्तक रहने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से बार-बार घोषणाएं की जाती हैं। ट्विटर और फेसबुक सहित सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म के जरिए रेलवे लगातार महिला और अन्य यात्रियों की सुरक्षा व समस्याओं के समाधान के लिए नियमित उनके संपर्क में रहता है। रेलगाड़ियों और रेल परिसरों में अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश की रोकथाम के लिए रेलवे समय-समय पर अभियान चलाता रहता है।
रेलवे परिसर के साथ ही चलती ट्रेनों में अपराध की रोकथाम, मामलों के पंजीकरण, उनकी जांच और कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आरपीएफ सभी स्तरों पर राज्य पुलिस अथवा जीआरपी अधिकारियों के साथ संपर्क करता है।