रांची, (हि.स.)। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि हिन्दुस्थान समाचार (बहुभाषी संवाद समिति) की पत्रकारिता निर्भीक लेकिन उन्माद के असर से दूर है। निर्भीक और स्वतंत्र पत्रकारिता जो देश की जनता महसूस कर रही है, वह हिन्दुस्थान समाचार पहुंचा रहा है। वह शनिवार को यहां होटल बीएनआर चाणक्या में हिन्दुस्थान समाचार के तत्वावधान में आयोजित ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऊर्जा संवाद’ में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि हमारा देश गांवों का देश है। असली झारखंड गांवों में ही बसता है। आज जिस ईमानदारी और लगन के साथ हिन्दुस्थान समाचार अपने पत्रकारिता धर्म का निर्वहन कर रहा है, वही सही मायने में सच्ची पत्रकारिता है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्थान समाचार द्वारा जिस विषय पर यह संवाद आयोजित किया जा रहा है, वह बड़ी अच्छी बात है। हमारी सरकार ने राज्य की जनता को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए सबसे पहले इसी को आधार बनाया। आज राज्य के लगभग सभी गांवों में बिजली पहुंचायी जा चुकी है। इन खबरों को भी प्रमुखता से और ईमानदारी से अपने पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से बताना सच्ची पत्रकारिता की निशानी है, जो हिन्दुस्थान समाचार (बहुभाषी संवाद समिति) पूरी ईमानदारी के साथ कर रही है ।
रघुवर दास ने कहा कि जब बिना किसी रिसोर्स से गुजरात देश का अग्रणी राज्य बन सकता है तो फिर 40 प्रतिशत रिसोर्स वाला झारखंड क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि हमें झारखंड को देश में ही नहीं,अपितु विश्व के सबसे विकसित राष्ट्रों की तरह विकसित करना है। हिन्दुस्थान समाचार के मंच से मुख्यमंत्री ने राज्य में निवेश का आह्वान किया।
इस मौके पर सांसद एवं हिन्दुस्थान समाचार के अध्यक्ष रविंद्र किशोर सिन्हा ने कहा कि हिन्दुस्थान समाचार अपने आप में सबसे अलग तरह की संवाद समिति है। राष्ट्रभक्त पत्रकारों की टोली से सुसज्जित हिन्दुस्थान समाचार आज सच्ची पत्रकारिता का निर्वहन कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद राष्ट्रभक्तों ने इस देश में एक सच्ची पत्रकारिता की परिकल्पना की और 1948 में इस एजेंसी की स्थापना की। उन्होंने कहा कि उन राष्ट्रभक्तों की यह सोच थी कि हम केवल अंग्रेजी में ही नहीं, अपितु देश की सभी क्षेत्रीय भाषाओं में समाचार संम्प्रेषित करें, जिससे लोगों के बीच सच्ची खबरें उनकी अपनी भाषा में पहुंच सकें। इस कल्पना को साकार करने के लिए हिन्दुस्थान समाचार की स्थापना की गयी ।
भाजपा सांसद ने कहा कि हिन्दुस्थान समाचार का जब 2016 में मुझे अध्यक्ष बनाया गया तो मैंने सबसे पहले हिन्दुस्थान समाचार में पत्रकारों के लिए मजीठिया बेज बोर्ड लागू किया, क्योंकि भूखे पेट सच्ची पत्रकारिता नहीं की जा सकती है। हिन्दुस्थान समाचार में कोई मालिक नहीं होता। यहां पत्रकार ही मालिक होता है। उन्होंने अपने संस्मरण याद करते हुए कहा कहा कि 1967 में मैं जब हिन्दुस्थान समाचार में आया तो उस समय 25-30 रुपये मासिक पारिश्रमिक मिलता था। उस वक्त के महाप्रबंधक बालेश्वर अग्रवाल जी ने पत्रकारिता की एक ऐसी पौध तैयार की जो आज विभिन्न पत्रकारिता के बड़े बैनरों के आधार स्तम्भ हैं, चाहे वह अालोक मेहता हों या फिर अन्य।
उन्होंने कहा कि भाषायी पत्रकारिता की पहचान बन चुका हिन्दुस्थान समाचार आज कनाडा, यूएस में बैठे लोगों को प्रकाशोत्सव का लाइव दिखा रहा है, आज हिन्दुस्थान समाचार की यह ताकत है। उन्होंने कहा कि हम सृजनात्मक और रचनात्मक काम कर रहे हैं।