नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और पूर्व आईबी चीफ दिनेश्वर शर्मा को बातचीत के जरिए जम्मू-कश्मीर मामले का हल निकालने का जिम्मा सौंपते हुए उन्हें केंद्र का प्रतिनिधि नियुक्त किया है। वह जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों के चयनित प्रतिनिधियों, अलग-अलग संस्थाओं और लोगों से बात कर केंद्र और राज्य सरकार से अपनी रिपोर्ट साझा करेंगे। हालांकि इस मसले पर केंद्र की दलील है कि न गाली से, न बोली से, कश्मीर की समस्या का समाधान इंसानियत और जम्हूरियत के जरिए ही निकाला जा सकता है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र जम्मू कश्मीर के समस्याओं के प्रति संजीदा है। 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से भी प्रधानमंत्री ने उनकी समस्याओं का उल्लेख किया था। हम गले लगकर कश्मीर की समस्या हल करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके तहत ही मैंने सितम्बर में चार दिन के कश्मीर दौरे पर 87 प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। जम्मू कश्मीर में सरकार अब बातचीत के माध्यम से आगे बढ़ेगी। आईबी के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा 1979 बैच के आईपीएस है।‘
राजनाथ सिंह ने दिनेश्वर शर्मा का जिक्र करते हुए कहा, ‘वह जम्मू कश्मीर के हालात से अच्छी तरह वाकिफ हैं। शर्मा वहां सभी राजनीतिक पार्टियों और व्यक्तियों के साथ बातचीत प्रारम्भ करेंगे और उनकी समस्याओं को समझेंगे। वे कश्मीर के युवाओं की आवाज को भी मुख्य तौर पर सुनेंगे। शर्मा बातचीत का पूर्ण विवरण राज्य और केंद्र के साथ साझा करेंगे। इसके लिए उन्हें पूरे अधिकार दिए गए हैं। भारत सरकार ने दिनेश्वर शर्मा को कैबिनेट सचिव का दर्जा दिया है।‘
राजनाथ सिंह ने कहा, 'दिनेश्वर शर्मा की नियुक्ति राजनीति से परे है। समस्या का समाधान होना चाहिए, उदेश्य यही है। ये ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी राजनीतिक पार्टी से ताल्लुक नहीं रखते।'
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार अपने साढ़े तीन साल निकालने के बाद यूपीए की पॉलिसी पर लौटी है।