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डॉ कलाम की याद लेकर रामेश्वरम् से राष्ट्रपति भवन तक आए बच्चे
By Deshwani | Publish Date: 15/10/2017 9:46:03 PM
डॉ कलाम की याद लेकर रामेश्वरम् से राष्ट्रपति भवन तक आए बच्चे

 नई दिल्ली, (हिस)। 'डॉ कलाम संदेश वाहिनी विजन 2020' बस द्वारा रामेश्वरम से राष्ट्रपति भवन आने वाले बच्चों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। 

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ कलाम आज तक की सबसे महान शख्सियतों में से एक रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे डॉ कलाम की एक वैज्ञानिक, एक विद्वान तथा भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनकी महान उपलब्धियों को नमस्कार करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के युवाओं के चरित्र का निर्माण करने के सर्वश्रेष्ठ तरीकों में एक तरीका उन्हें महान हस्तियों की जीवन गाथाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित करना है।
 
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि डॉ कलाम भारत के सबसे महान दूरदर्शी व्यक्तियों में एक थे और उन्हें श्रद्धापूर्वक ‘भारत के मिसाइल मैन‘ तथा ‘लोगों के राष्ट्रपति‘ के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने दिल के लिए किफायती स्टेंट या पोलियो पीड़ितों के लिए हल्के वजन की नली के व्यासों (कैलिपर्स) की डिजाइन तैयार करने से लेकर नाभिकीय प्रौद्योगिकी तक विभिन्न क्षेत्रों में अपनी भागीदारी के माध्यम से भारत की वैज्ञानिक विरासत में अपना ऐतिहासिक योगदान दिया है। भारत डॉ कलाम के उल्लेखनीय योगदान को कभी भी नहीं भुला पाएगा। उनके मन में शिक्षण एवं शिक्षा के प्रति बहुत ज्यादा लगाव था और उन्होंने वास्तव में युवा मस्तिष्कों को सोचने और नवप्रर्वतन करने के लिए प्रेरित किया। उन्हें लोगों एवं युवाओं का बहुत अधिक प्यार हासिल था। वह छात्रों से प्रेम करते थे तथा उन्हीं के बीच उन्होंने अपना अंतिम समय व्यतीत किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ कलाम संदेश वाहिनी बस डॉ कलाम की जीवन गाथा को बहुत ही मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करती है। उन्होंने इस अभिनव प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि बड़ी संख्या में भारत के लोगों, खासकर, युवाओं को डॉ कलाम के जीवन, उनकी कृतियों एवं उनके विजन पर आधारित चलंत प्रदर्शनी को देख कर लाभ पहुंचा होगा।
 
डॉ कलाम संदेश वाहिनी, हाउस ऑफ कलाम एवं चिन्मय विश्वविद्यालय द्वारा आरंभ की गई है। वाहिनी में डॉ कलाम के जीवन की विभिन्न घटनाओं तथा भारत की प्रमुख वैज्ञानिक उपलब्धियों का चित्रण किया गया है, जिसका उद्वेश्य आम लोगों को शिक्षित और प्रेरित करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 जुलाई को डॉ कलाम स्मारक के उद्घाटन समारोह के दौरान रामेश्वरम में इसे झंडी दिखाई थी। यह वाहिनी विभिन्न राज्यों से गुजरती हुई आखिर नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन आ पहुंची है।
 
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