नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने अंतर्राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस के मौके पर कहा कि लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, महिला सशक्तिकरण, महिला मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 करोड़ रुपये बेटियों के नाम पर जारी किये हैं। इसके लिए 100 संसदीय क्षेत्रों को चिन्हित कर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस के अवसर पर हम सभी ये संकल्प लेते हैं कि हम बालिकाओं- महिलाओं की उन्नति के अधिक से अधिक अवसर उत्पन्न करने का प्रयास करेंगे। हर साल 11 अक्टूबर को बालिका का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। लिंग समानता न केवल एक मौलिक मानवीय अधिकार है, बल्कि शांतिपूर्ण, समृद्ध और टिकाऊ दुनिया के लिए एक आवश्यक आधार है। साथ ही, जैसे बच्चों को सबसे कमजोर पड़ता है, उन्हें विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है और हमें उनके अधिकारों की रक्षा करना पड़ता है। जब एक लड़की सुरक्षित, स्वस्थ, शिक्षित, और प्रभावी रूप से उसके परिवार और समुदाय द्वारा समर्थित है, वह अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है और अपने समाज के सभी क्षेत्रों को छूने के लिए उनकी सफलता के फायदों के लिए लाभ उठाती है।
मेनका गांधी ने कहा, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोई बयान नहीं देना चाहूंगी। यूनिसेफ को दोबारा खड़ा करने के लिये मैं डॉक्टर यास्मीन को बधाई देती। आज देश की बेटियों ने हर बाधा को तोड़ दिया है। महिलाओं को किसी आरक्षण की जरूरत नहीं है आगे आने को। बेटियां मंगल ग्रह और चांद तक पहुंच गयी हैं।‘
मेनका गांधी ने कहा, ‘दो साल पहले मैं एक अस्पताल में गई थी जहां 16 हजार बच्चियां थी। वहां कैंसर के मरोजों का इलाज के दौरान भी बेटियों को पूरा आहार नहीं दिया जाता था। केवल 30 प्रतिशत पोषण ही दिया जाता था। लड़कों को तरजीह दी जाती थी। वहीं घरों में ऑर्गन डोनेट में भी महिलाओं को ही आगे किया जाता है। लड़ियों को पराया सझने की मानसिकता को बदलना होगा। पीएम ने 100 करोड़ रुपये ने बेटियों के नाम से दिये जिन्हें हम पीसीपीएमडी टी के तहत जिला स्तर पर काम किया जा रहा है।‘