राष्ट्रीय
पेट्रोल-डीजल के बाद त्योहारों में दिल्ली मेट्रो ने आमजन पर डाला बोझ
By Deshwani | Publish Date: 10/10/2017 3:06:32 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) ने मंगलवार से बढ़ा किराया लागू कर दिया है। दिल्ली सरकार, विभिन्न राजनीतिक दलों और मजदूर संगठनों के विरोध को दरकिनार करते हुए मेट्रो बोर्ड ने उसे हो रहे घाटे को देखते हुए यह किराया बढ़ाया है। लेकिन इससे मेट्रो में नियमित सफऱ करने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। एम्स जाने वाले एक यात्री अमित ने बताया कि वो पिछले छह महीने से सप्ताह में दो बार एम्स में इलाज करने जाते हैं। पहले उन्हें 40 रुपये किराया देना होता था अब 50 रुपये देने होंगे।पेट्रोल-डीजल के दाम पहले ही चरम पर हैं, इसलिए अपना वाहन मंहगा पड़ता है। वहीं आम जरूरतों के दामों में बढ़ोत्तरी ने पहले से कमर तोड़ रखी है।
वहीं नियमित यात्रा करने वाले छात्रों ने कहा कि सरकार को कम से कम हमारे बारे में सोचना चाहिए।मेट्रो ने इसी साल 10 मई को किराया बढ़ाया था। एक बार फिर हम पर बोझ डाल दिया है। डीयू की छात्रा वर्षा ने कहा मैं निर्माण विहार रहती हूं वहां से रोजाना डीयू जाने के लिए हर माह 1000 रुपये लगते थे, अब 1400 रुपये खर्च होंगे। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं की अब मेट्रो में सफर किया जा सके। इसलिए अब डीटीसी या अन्य कोई विकल्प देखना होगा।
हालांकि आंकड़ों के अनुसार दिल्ली़ मेट्रो अब भी देश के अन्य राज्यों में चल रही मेट्रो के मुकाबले काफी सस्ती है। न सिर्फ किराये में बल्कि पार्किंग में भी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में तो मेट्रो का अधिकतम किराया 110 रुपये है। यहां तक कि हाल ही में शुरू हुई लखनऊ मेट्रो का किराया भी न्यूनतम 10 रुपये और अधिकतम 60 रुपये है, जबकि उसका नेटवर्क सिर्फ 9 किलोमीटर का है, जो दिल्ली मेट्रो के मुकाबले कहीं नहीं ठहरता। दिल्ली मेट्रो का देश भर में सबसे बड़ा 218 किलोमीटर लंबा नेटवर्क है।
इससे पहले मेट्रो किराये में वृद्दि को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा आमने-सामने आ गई। दिल्लीे सरकार की किराया बढ़ोत्तरी रोकने की हर कोशिश नाकाम रही और मेट्रो की फेयर फिक्सेशन कमेटी ने इसे बढ़ाकर 50 से 60 रुपये कर दिया।