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आपदा जोखिम प्रबंधन में ''बिम्सटेक'' साबित होगा मील का पत्थर : राजनाथ सिंह
By Deshwani | Publish Date: 10/10/2017 1:25:24 PM
आपदा जोखिम प्रबंधन में ''बिम्सटेक'' साबित होगा मील का पत्थर : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज बिम्सटेक में हिस्सा लेने आये प्रतिभागियों का भारतीय अंदाज में गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बिम्‍सटेक देशों के उन सभी प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्‍वागत करते हैं, जो संयुक्‍त अभ्‍यास में हिस्‍सा लेने के लिए यहां एकजुट हुए हैं। राजनाथ सिंह ने सोमवार को चार दिवसीय बिम्सटेक आपदा प्रबंधन अभ्यास-2017 (बिम्सटेक डीएमईक्स-2017) का उद्घाटन किया। यह अभ्यास 10 से 13 अक्टूबर तक दिल्ली और एनसीआर में एनडीआरएफ द्वारा आयोजित किया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा, 'आपकी यहां मौजूदगी आपदा जोखिम प्रबंधन के क्षेत्र में श्रेत्रीय सहयोग के प्रति आपके और आपके सरकार की प्रतिबद्धता को पेश करती है। आगामी कुछ दिनों में आप बिम्‍सटेक देशों के बीच इस सहयोग की बुनियाद रखने जा रहे हैं। हालिया मानसून सीजन में बाढ़ और भूकम्प जैसी आपदाओं ने लगभग सभी बिम्‍सटेक देशों के लाखों लोगों को प्रभावित किया है। यह भी आपदा तैयारियों को सुधारने के महत्‍व की तरफ संकेत देता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि बिम्सटेक आने वाले समय मे आपदा नियंत्रण में एक बड़ा मिल का पत्थर साबित होगा। बिम्सटेक राष्ट्र बाढ़ राहत, भूकम्प जैसे आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करेंगे। आपदाओं से हम सभी देशों में प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में जान से हाथ धोना पड़ता है। प्राकृतिक आपदा राष्ट्र को आर्थिक हानि भी पहुंचाती है। आज के समय में पर्यावरण संतुलन रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज के समय में सभी राष्ट्र नई-नई तकनीक ईजाद कर रहे हैं जिसमे भूकम्प, बाढ़, सुनामी जैसी आपदाओं से लड़ने में शक्ति मिलेगी। भारत मे भी कई तकनीके ईजाद की जा रही है । एनडीआरएफ इस क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहा है। बिम्सटेक संयुक्त अभ्यास में प्रत्येक देश एक दूसरे से आपदाओं से लड़ने में कार्य आने वाली तकनीक साझा करेगा जिससे संयुक्त रूप से बिम्सटेक देशों में आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जाएगा। क्रॉस बॉर्डर आपदाओं पर भी बिम्सटेक को कार्य करने की आवश्यकता है। हमे क्रॉस बॉर्डर नदियों के डाटा शेयर करना चाहिए जिससे आपदा प्रबंधन बेहतर किया जा सके और जनहानि को कम से कम किया जाए। 

गौरतलब है कि इस साल सात फरवरी को नेपाल की राजधानी काठमांडू में संपन्न 17वें बिम्सटेक के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि भारत इस क्षेत्र में पहले वार्षिक आपदा प्रबंधन अभ्यास का आयोजन करेगा। बिम्सटेक के सात सदस्‍यों में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं। यह अभ्यास बिम्सटेक के सदस्य देशों के लिए आपदा जोखिम कटौती (डीआरआर), आपदा प्रबंधन में क्षेत्रीय प्रतिक्रिया और समन्वय को मजबूत करने की दिशा में एक उपयोगी मंच साबित होगा। 

 
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